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मुंबई : किन्नर चमचम गजभिए की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी उत्तम बाबा सेनापति की मां मंजू सेनापति को न्यायालय से जमानत मिल गई. अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश विभा इंगले ने उसे जमानत मंजूर की. उत्तम सेनापति ने पूरे शहर में अपने किन्नरों का नेटवर्क फैला रखा था. चमचम भी उसके लिए ही काम करती थी. लेकिन उत्तम सेनापति उनकी रकम पचा लेती थी. इस वजह से चमचम और उत्तम के बीच विवाद हो गया. 4 जून 2019 को उत्तम ने उसे अपने घर में बुलाकर धारदार हथियारों से वार कर मौत के घाट उतार दिया.

इस प्रकरण में उत्तम सेनापति, उसकी मां मंजू सेनापति और दामाद सहित 9 लोगों को आरोपी बनाया गया था. मंजू की ओर से अधिवक्ता कमल सतूजा और अधिवक्ता कैलाश डोडानी ने जमानत अर्जी दायर की. न्यायालय को बताया कि इस प्रकरण में मंजू को बेवजह फंसाया गया है. केवल उत्तम की मां होने के कारण उसे आरोपी बना दिया गया. वारदात की चश्मदीद गवाह राशि नामक किन्नर ने एफआईआर में कहीं भी मंजू का नाम नहीं लिया था. आरोपपत्र भी दायर किया जा चुका है. कहीं भी मंजू का हत्या में हाथ होने की पुष्टि नहीं होती.

जिला सरकारी अधिवक्ता नितिन तेलगोटे ने जमानत का विरोध किया. उन्होंने बताया कि जांच के दौरान मंजू के खिलाफ कई अहम सबूत हाथ लगे हैं. उसका हत्या में सीधा समावेश दिखाई दे रहा है. यदि उसे जमानत मिल गई तो वह गवाहों पर दबाव बना सकती है. इसीलिए उसे जमानत नहीं मिलनी चाहिए. न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद मंजू को सशर्त जमानत मंजूर की. बचाव पक्ष को अधि. नितिन रुड़ी, हितेश खंडवानी और मेधावी आर्य ने सहयोग किया.


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