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मुंब्रा : कहीं पानी की किल्लत तो कहीं नल से निकलते दूषित पानी से कई क्षेत्रों के लोग परेशान हैं। नालों में या नालों के आस-पास ज्यादातर जलवाहिनियां बिछाई गई हैं। जलवाहिनी के टूटने या लीकेज होने की सूरत में नाले का पानी रिवर्स होकर पेयजल के साथ लोगों के घरों तक पहुंच रहा है। सैकड़ों फुट बिछाई गई जलवाहिनी में लीकेज खोजने में अधिकारियों तथा कर्मचारियों को कई दिन लग रहे हैं। मुंब्रा के प्रभाग क्रं.-२९ के निवासी पिछले दो दिन से इसी तरह के संकट का सामना कर रहे हैं। अधिकारियों तथा कर्मचारियों का दल लीकेज खोज रहा है पर अभी तक उन्हें मिला नहीं है।

उल्लेखनीय है कि प्रभाग क्रं.-२९ स्थित खरडी रोड, सुरेश अस्थाना हाउस, सुरमे गली, डावला गांव, राशिद चाल आदि क्षेत्रों में १५ हजार से ज्यादा परिवार रहते हैं। सोमवार सुबह से पेयजल आपूर्ति के दौरान चाय जैसा मटमैला पानी आ रहा है। नल से निकलेवाला पानी इतना गंदा है कि पीना तो दूर, लोग उससे नहाने से भी परहेज कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि आसपास कोई पानी पीने की अन्य व्यवस्था भी नहीं है, जिसके कारण समस्या और भी बढ़ गई है। सुबह और शाम दोनों समय गंदा पानी आ रहा है। गंदे एवं बदबूदार पानी को साथ लेकर स्थानीय निवासियों ने अधिकारियों का घेराव किया है। अधिकारियों का कहना है कि मुख्य जलवाहिनी एवं इससे जुड़ी कई अन्य लाइनों में लीकेज है। सप्लाई बंद होने के बाद नालियों व गड्ढों में भरा पानी रिवर्स होकर जलवाहिनियो में भर जाता है, जो दूसरे दिन सप्लाई होने पर नलों से बाहर आ जाता है। पानी के सेंपल को लेबोरेटरी में जांच के लिए भेज दिया गया है। स्थानीय नगरसेवक हीरा पाटील का कहना है कि अधिकारी तथा कर्मचारी लगातार लीकेज प्वाइंट्स को खोज रहे हैं पर अभी तक उन्हें सफलता नहीं मिल पाई है।


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