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झारखंड : झारखंड में जमशेदपुर के ग्रामीण विकास विभाग के कनीय अभियंता सुरेश प्रसाद वर्मा के घर से बरामद रुपयों को लेकर दो सूटकेस में जब एसीबी की टीम निकली तो उस इलाके के लोगों की आंखें फटी रह गईं। लोगों को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उस मकान में इतने रुपये हो सकते हैं। छापेमारी के बाद से ही मानगो एनएच 33 आनंद विहार कालोनी में लोगों की भीड़ लगी हुई थी। लोगों का कहना था कि रात में भी टीम छापेमारी करने के लिए आई थी। रात में सुरेश वर्मा के घर पर जब छापेमारी की जा रही थी, तब बार-बार टीम को पहले तल्ले पर स्थित कमरे को खोलने को कहा जा रहा था। सुरेश की पत्नी का कहना था कि उसकी चाभी उनके पास नहीं है। इसपर एसीबी डीएसपी अरविंद कुमार ने उसकी पत्नी को फटकार लगाई। इसके बाद उन्होंने आलोक को फोन लगाया। उसे बताया कि निगरानी की टीम आई है। सुरेश की पत्नी के अनुसार, यह बताने के थोड़ी देर बाद आलोक ने फोन बंद कर दिया। जब सुरेश वर्मा के पहले तल्ले का कमरा नहीं खुला तो उसे सील कर बाहर दो जवानों को तैनात कर दिया गया था। किसी को वहां जाने नहीं दिया जा रहा था। जवानों को कमरे के बाहर ही तैनात किया गया था।

इधर, छापेमारी के बाद इतने रुपये बरामद होने की सूचना ज्योंहि एमजीएम थाना की पुलिस को मिली तो थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस की टीम वहां पहुंच गई। रुपयों को एसीबी कार्यालय तक ले जाने के लिए एसीबी की टीम के साथ ही एमजीएम थाना की पुलिस भी गयी थी। एसीबी डीएसपी अरविंद कुमार के अनुसार, छापेमारी के दौरान अभियंता सुरेश प्रसाद वर्मा के घर से 10 प्लॉट के कागजात, तीन मकान, एक दुकान सहित कई जगहों पर निवेश का पता चला है। इसकी वे लोग जांच कर रहे हैं। 


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