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मुंबई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र की जनता इस बार बदलाव के मूड में है और भाजपा द्वारा आक्रामक तरीके से उठाए गए अनुच्छेद 370 के मुद्दे का राज्य में जमीनी स्तर पर कोई असर होता नहीं दिख रहा। एक साक्षात्कार में शरद पवार ने आरोप लगाया कि राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने के लिए राजग सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। उनका इशारा मनी लांड्रिंग के अलग-अलग मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उन्हें और वरिष्ठ राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल को समन किए जाने की ओर था। उन्होंने कहा कि यह कदम भी तब उठाया गया जब विधानसभा चुनाव नजदीक थे।

लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली जबर्दस्त जीत पर पवार ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद लोगों की भड़की भावनाओं का भाजपा को लाभ मिला था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मुद्दे पर काफी प्रचार किया था। पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा, 'राष्ट्रीय संकट के समय लोग सामान्यत: एकजुट हो जाते हैं। भारत-पाकिस्तान (1971) युद्ध के दौरान भी हमने ऐसा देखा था। लिहाजा लोगों ने एकपक्षीय फैसला लिया और मोदी को 300 से ज्यादा सीटें मिल गईं। लेकिन ये विधानसभा के चुनाव हैं।'

राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का उदाहरण देते हुए पवार ने कहा कि लोकसभा चुनावों में तीनों राज्यों ने मोदी का समर्थन किया था, लेकिन कुछ महीने पहले हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ मतदान किया था। मराठा छत्रप ने कहा, 'चूंकि अनुच्छेद 370 हटाया जा चुका है इसलिए कोई भी कश्मीर में जाकर जमीन खरीद सकता है जो पहले संभव नहीं था। जब मैं लोगों से पूछता हूं कि क्या वे कश्मीर जाकर खेती करेंगे तो कोई भी हां नहीं कहता। इसलिए राज्य विधानसभा चुनावों में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का कोई असर नहीं होगा।' उन्होंने साफ किया कि राकांपा ने इस अनुच्छेद को हटाने का विरोध नहीं किया था। कुछ पूर्व मंत्रियों और विधायकों के राकांपा छोड़कर भाजपा में जाने के सवाल पर पवार ने कहा कि इससे उनकी पार्टी को युवा चेहरों को चुनाव में उतारने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि राकांपा इन दलबदलुओं को हराने में पूरी ताकत लगा देगी।

महाराष्ट्र कांग्रेस का बचाव करते हुए शरद पवार ने कहा कि राज्य में पार्टी कमजोर नहीं है और जमीनी स्तर पर बेहद आक्रामकता के साथ काम कर रही है। कांग्रेस कार्यकर्ता उन विधानसभा क्षेत्रों में भी कठिन परिश्रम कर रहे हैं जहां राकांपा उम्मीदवार मैदान में हैं। उन्होंने उस धारणा को भी खारिज कर दिया कि कांग्रेस छवि की लड़ाई हार चुकी है। राज्य में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे राकांपा प्रमुख ने वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुशील कुमार शिंदे के उस बयान को भी नकार दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और राकांपा 'थक' चुकी हैं और भविष्य में एक साथ आ जाएंगी। पवार ने कहा कि शिंदे निजी तौर पर भले ही थक गए हों, लेकिन वह अभी नहीं थके हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना करते हुए शरद पवार ने कहा, वाजपेयी एक बेहद सुसंस्कृत व्यक्ति थे। लेकिन जब किसी कार्यक्रम को लागू करने की बात आती है तो मोदी एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं। फैसला लेने के बाद मोदी के पास उसे बेरहमी से लागू करने की काबिलियत है। जबकि वाजपेयी इस बात का खयाल रखते थे कि उनके फैसले से कड़वाहट पैदा न हो। लोगों में उनके लिए ज्यादा सम्मान था।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पवार ने कहा कि देवेंद्र फड़नवीस ने मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य में किसानों और उद्योगों की समस्याएं दूर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। फड़नवीस को परिणाम देने वाला और प्रभावी मुख्यमंत्री नहीं माना जाता। राज्य में बड़ी संख्या में किसान आत्महत्या कर रहे हैं। जब यह मुद्दा उठाया गया तो फड़नवीस ने पूर्ववर्ती कांग्रेस- राकांपा सरकार पर अंगुली उठा दी। पवार ने कहा, 'पिछले पांच साल से आप सत्ता में थे, इस दौरान आपने इन समस्याओं को हल क्यों नहीं किया?

उत्तर महाराष्ट्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शरद पवार ने प्रधानमंत्री की विपक्ष पर की गई 'डूब मरो' वाली टिप्पणी पर सवाल किया कि अब वह विपक्ष को अनुच्छेद 370 वापस लेने की चुनौती क्यों दे रहे हैं जबकि अगस्त में संसद उसे हटा चुकी है। बुधवार को एक रैली में प्रधानमंत्री ने कहा था, 'वे (विपक्ष) यह कैसे कह सकते हैं कि जम्मू-कश्मीर का महाराष्ट्र से कोई लेना-देना नहीं है? उन्हें ऐसी सोच पर शर्म आनी चाहिए। क्या उनमें कोई शर्म नहीं है? डूब मरो।


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