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यह तो ट्रेलर है, फिल्म अभी बाकी है

मुंबई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिनों की उपलब्धियों को बताते हुए केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अभी तो यह ट्रेलर है, पूरी फिल्म 5  साल बाद देखने को मिलेगी। वे यहां वर्ली में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में बोल रहे थे। गडकरी ने कहा कि मोदी सरकार के 100 दिन के कार्यकाल में तीन तलाक पर कानून,  जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाना और मोटर व्हीकल एक्ट जैसे कानून लागू करना बड़ी उपलब्धि रहीं। इस दौरान राज्य मंत्री वीके सिंह, सांसद गोपाल शेट्टी, गजानन कीर्तिकर, राहुल शेवाले और गजानन कीर्तिकर उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि मोटर वाहन संशोधन अधिनियम का उद्देश्य यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए कठोर दंड का प्रावधान करना और  सड़कों पर अनुशासन लाना है। यह हमारी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है। पहले 30 साल पुराना कानून लागू था, जिसमें संशोधन आवश्यक था। लोग 100 रुपए का जुर्माना भरकर  छूट जाते थे। मंत्री, नेता, अभिनेता, अधिकारी या कोई भी व्यक्ति जो यातायात नियम तोड़ेगा तो उसे दंडित होना पड़ेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है  और सड़कों पर लोगों की जान नहीं जाए, इसके लिए न सिर्फ सफ्ती से नियमों का पालन किया जाएगा, बल्कि रोड इंजीनियंरिंग में सुधार भी लाया जा रहा है। सड़क सुरक्षा की  स्थिति में सुधार लाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि देश में 30 प्रतिशत लाइसेंस फर्जी बनते हैं। एक व्यक्ति के पास चार-चार राज्यों में बनाए गए लाइसेंस हैं।  लोगों को गाड़ी पकड़नी नहीं आती और ड्राइविंग लाइसेंस हासिल कर लेते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब किसी चालक को लोगों की जान से खेलने नहीं दिया जाएगा। ड्राइविंग  लाइसेंस बनाने की नई व्यवस्था में पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है। कितना ही बड़ा आदमी क्यों न हो उसका लाइसेंस प्रक्रिया के तहत पारदर्शी तरीके से ही बनाया जाएगा। किसी भी व्यक्ति  का नया ड्राइविंग लाइसेंस अब तब ही बन पाएगा, जब वह वाहन चलाने में पूरी तरह से निपुण हो। उन्होंने कहा कि नया मोटर वाहन कानून बनने से लोगों में कानून के प्रति डर  पैदा हुआ है। कानून से लोग डरने लगे हैं और उसके प्रति उनका सम्मान जगा है। कानून तोड़ने वाले दंडित होने से परेशान हैं लेकिन इससे सड़कों पर लोगों की जान बचेगी और  सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। आरे कॉलोनी में मेट्रो परियोजना के लिए पेड़ काटे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वृक्षों को तभी काटना चाहिए जब किसी परियोजना में  विकास कार्य अटक जाए। गडकरी ने कहा कि अगर कोई एक वृक्ष काटता है तो उसे 10 पौधे लगाने चाहिए। उनकी यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई, जब पर्यावरणविद् मुंबई के आरे  उपनगर इलाके में मेट्रो का कारशेड बनाने के लिए 2,600 से अधिक वृक्षों को काटने का विरोध कर रहे हैं। गडकरी ने कहा कि मेरा मानना है कि हमें पर्यावरण का संरक्षण करना  चाहिए और पेड़ों को तभी काटना चाहिए, जब किसी परियोजना का विकास अटक जाए। आरे में पेड़ों के काटे जाने के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने पौधारोपण को   प्राथमिकता दी है। महाराष्ट्र ने एक निधि से 12,000 से 13,000 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में हरा क्षेत्र बढ़ा है। पेड़ काटने की बात इसलिए की जा रही  है, क्योंकि कोई अन्य विकल्प नहीं है। गडकरी ने कहा कि परियोजना की पूंजी लागत अहम होती है और परियोजना का विरोध कर ऐसा नहीं करें जिसकी कीमत मुंबई के निवासियों  को चुकानी पड़े। दरअसल, बांद्रा वर्ली सीलिंक की पूंजीगत लागत शुरू में 420 करोड़ रुपए थी, जो विरोध की वजह से बढ़कर 1,800 करोड़ रुपए हो गई थी।


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