आपत्तिजनक वीडियो आने के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर ने शहर छोड़ा
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विक्रम पर लगे धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोप के बाद विश्विद्यालय ने उन्हें नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब देने को कहा है। उधर, असिस्टेंट प्रो. ने वीडियो से भावनाएं भड़काने के आरोप को निराधार करार देते हुए कहा कि उनके साथ मॉब लिंचिंग हो सकती है लिहाजा वे फिलहाल शहर छोड़कर चले गए हैं।
विश्विद्यालय में मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विक्रम का एक वीडियो वायरल होने के बाद विद्यार्थियों ने कुलपति से शिकायत की कि ड़ॉ. विक्रम वीडियो के माध्यम से धार्मिक भावनाएं भड़का रहे हैं। इसके बाद रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ला ने डॉ. विक्रम को नोटिस जारी कर इस मामले में तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है। उधर, आरोपित शिक्षक के मुताबिक उनके एक शोधार्थी ने उनके दो साल पुराने 35 मिनट के वीडियो को काटकर इस तरह से यूट्यूब पर अपलोड किया है वे धार्मिक भावनाएं भड़काते नजर आएं। उनका ऐसा कोई इरादा नहीं था। वे तो एक समारोह में अपने बचपन की एक घटना का हवाला देकर लोगों को यह बताना चाहते थे कि वे भाग्य का भरोसा न करें।
डॉ. विक्रम का कहना है कि जिस शोधार्थी ने वीडियो अपलोड किया है, उसके खिलाफ वह इविवि प्रशासन से छह बार शिकायत कर चुके हैं कि वह उन्हें ब्लैकमेल कर रहा है। साथ ही अपनी सुरक्षा के लिए एसएसपी से बात की है । उन्होंने कहा कि इविवि प्रशासन से संपर्क कर ई-मेल पर नोटिस भेजने का आग्रह किया है। उन्हें एक छात्र ने बताया कि उनके साथ मॉब लिंचिंग हो सकती है इसलिए वे शहर से चले गए हैं। ई-मेल पर नोटिस मिलते ही वे जवाब भेज देंगे। डॉ. विक्रम का यह भी कहना है कि अगर उनके किसी वक्तव्य से किसी भी भावनाएं आहत हुई हैं तो वह इसके लिए क्षमा मांग रहे हैं।
एबीवीपी ने दी थाने में तहरीर
उधर, एबीवीपी की ओर से इस मामले में कर्नलगंज थाने में तहरीर दी गई है, जिसमें डॉ. विक्रम के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत कर सामाजिक समरसता को बिगाड़ने एवं शांति भंग करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है। एबीवीपी काशी प्रांत के प्रदेश सहमंत्री अश्वनी कुमार मौर्य ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर भी डॉ. विक्रम की शिकायत की है।