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देश में जब नरसिंह राव की सरकार थी उस समय जैन डायरी घोटाले की बहुत गूँज हुई थी। उस डायरी की विशेषता यह थी कि उसमें से सत्ता पक्ष और विपक्ष के दर्जनों नेताओं के नाम सामने आए थे। संसद से लेकर सड़क तक ख़ूब हंगामा हुआ। अख़बारों में रोज़ कोई नया नाम सुर्ख़ियों में हुआ करता था और यह कहा जाने लगा था कि शायद नरसिंह राव अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को खामोश कराने के लिए इस डायरी का उपयोग कर रहे हैं। महाराष्ट्र में सहकारी बैंक घोटाले को लेकर जो मामला दर्ज हुआ है उसकी तसवीर भी कुछ ऐसी ही है।

इस मामले में प्रदेश के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं के नाम हैं। कुछ उन नेताओं के नाम भी हैं जो पहले किसी और दल में थे लेकिन अब सत्ताधारी दल के साथ हो लिए हैं।चर्चा तो यह है कि उनके दल-बदल के पीछे भी इसी घोटाले की जाँच के दबाव का हाथ था। लेकिन सोमवार को जब इस घोटाले को लेकर दर्ज हुए मामले से शरद पवार का नाम जोड़ा गया तो चर्चाओं ने नया रुख ले लिया। जिस तरह से देश और महाराष्ट्र में ईडी की कार्रवाई विपक्षी दलों के नेताओं के ख़िलाफ़ चल रही है, इस मामले को भी उसी से जोड़कर देखा जाने लगा है कि क्या शरद पवार को घेरने की कोई योजना तो नहीं बन रही है?भले ही यह मामला अदालत के आदेश के बाद दर्ज हुआ है, लेकिन मौसम चुनाव का है इसलिए पवार विरोधी सभी राजनीतिक पार्टियाँ उनसे अपना फ़ायदा निकालने का रास्ता तलाशने में लगी हैं। बताया जाता है कि रिपोर्ट में जो नाम तात्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में लिखा है वह शरद पवार के कार्यकाल के दौरान का है। और इस मामले में उनसे पूछताछ भी हो सकती है। वैसे, इस मामले में विधानसभा में कांग्रेस के नए विरोधी पक्ष नेता विजय वड्डेटीवार का नाम भी है, लेकिन यह मामला जिस समय का है उस समय वह शिवसेना में हुआ करते थे। माणिक राव पाटिल, वसंत शिंदे, माणिक राव कोकाटे, राहुल मोटे, ईश्वर लाल जैन, दिलीप देशमुख, रामप्रसाद बोर्डीकर, राजन तेली, राजेंद्र जैन, मीनाक्षी पाटिल, रजनी ताई पाटिल आदि नेताओं के नाम भी इस मामले में हैं।

अरोड़ा की शिकायत पर मुंबई के माता रमाबाई आम्बेडकर नगर (एम आर ए ) पुलिस स्टेशन में 76 लोगों के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 409, 406, 465, 467, 468, 34 व 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसमें पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार, पूर्व मंत्री हसन मुश्रीफ, विजय सिंह मोहिते पाटिल, शिवाजी राव नलावडे, पूर्व सांसद आनंद राव अडसुल आदि भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते समय आदेश दिया था कि इस मामले में 50 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया जाए। इस मामले में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस, बीजेपी और शिवसेना सभी प्रमुख पार्टियों के नेता शामिल हैं।

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