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मुंबई : मानसून के शुरू होते ही इमारत व पेड़ों के गिरने की घटनाएं बढ़ जाती है। इस दौरान मुंबई की जर्जर इमारतों का मामला एक बार फिर से उठा है। मानसून में इमारत गिरने की   दुर्घटना न घटे, जानमाल और संपत्ति का नुकसान न हो, इसके लिए मनपा प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। मुंबई की 30 साल पुरानी और 499 इमारतें जर्जर होने की जानकारी  मनपा सर्वेक्षण में सामने आई है। इसमें मनपा की 75, सरकारी 8 व निजी 416 को मिलाकर 499 इमारत जर्जर इमारतें हैं। इनमें से 65 इमारतों के बिजली और पानी का कनेक्शन  काट दिए गए हैं। मानसून के पहले जर्जर और कभी भी गिर सकने वाली 499 इमारतें हैं। इन इमारतों में से एन विभाग में 64, के/पश्चिम में 51 व टी विभाग 47 इमारतें हैं। इनमें  से 174 इमारतों का मामला न्यायालय में है और 46 इमारतें तकनीकी सलाहकार समिति के अंतर्गत हैं। इमारत गिरने से होनेवाली दुर्घटनाओं में जानमाल का नुकसान न हो, इसके  लिए मनपा आयुक्त प्रवीणसिंह परदेशी ने तत्काल कार्रवाई करने का आदेश संबंधित विभाग को दिया है। मंगलवार को डोंगरी में केसरबाई इमारत गिर गई। इसकी वजह से एक बार  फिर से मुंबई की जर्जर इमारतों का मामला सामने आ गया है। अगर इन इमारतों में रहने वाले निवासियों का पुनर्वसन समय पर नहीं किया गया तो भविष्य में बड़ी दुर्घटना घट सकती है।


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