टीम इंडिया के नए कोच पद के दावेदारों में कर्स्टन, मूडी और जयवर्दने शामिल
नई दिल्ली : वर्ल्ड कप-2019 में भारत खिताब नहीं जीत सका और सेमीफाइनल में न्यू जीलैंड से मिली हार के बाद बाहर हो गया। इसके बाद ही माना जा रहा था कि टीम इंडिया के कोच पद में बदलाव हो सकता है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने टीम इंडिया के हेड कोच सहित पूरा सपोर्ट स्टाफ बदलने का फैसला किया है। बोर्ड ने इन पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। बीसीसीआई ने इसके लिए कुछ पैमाने तय किए हैं, जो काफी कड़े माने जा रहे हैं। ऐसे में कुछ नामों पर चर्चा भी हो रही है कि कौन टीम इंडिया का अगला मुख्य कोच बन सकता है।
बीसीसीआई ने हेड कोच के लिए जो पैमाने तय किए हैं वह बहुत ही कड़े हैं। इस पैमाने का मतलब है कि ट्रेवर बैलिस और मिकी आर्थर जैसे बड़े कोच इसकी रेस में शामिल भी नहीं हो सकेंगे। योग्यता मापदंडों के मुताबिक, मुख्य कोच की उम्र 60 से कम होनी चाहिए, साथ ही टेस्ट खेलने वाले देश को न्यूनतम दो साल कोचिंग देने का अनुभव हो, इसके अलावा असोसिएट सदस्य/ए टीम/आईपीएल टीम को तीन साल कोचिंग देने का अनुभव होना चाहिए। आवेदक ने 30 टेस्ट या 50 वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हों। बैटिंग, बोलिंग और फील्डिंग कोच के लिए पात्रता नियम समान हैं। सिर्फ आवेदक द्वारा खेले गए मैचों की संख्या में अंतर है। इन तीन पद के आवेदक ने कम से कम 10 टेस्ट या 25 वनडे मैच खेले होने चाहिए।
कोच के रूप में गैरी कर्स्टन का भारतीय क्रिकेट में क्या योगदान है, यह किसी को बताने की जरूरत नहीं। अगर यह पूर्व साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज इस पद के लिए आवेदन करता है तो वह इसके सबसे बड़े दावेदार होंगे। कर्स्टन की कोचिंग में टीम इंडिया की सबसे बड़ी उपलब्धि साल 2011 का वर्ल्ड कप खिताब है।
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर टॉम मूडी टीम इंडिया के कोच पद के लिए दावेदार हो सकते हैं। श्रीलंका को अपनी कोचिंग में साल 2007 वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंचाने वाले मूडी साल 2012 से आईपीएल टीम सनराइजर्स हैदराबाद के कोच हैं। उनकी कोचिंग में ही एसआरएच की टीम 2016 में चैंपियन बनी। मूडी तकनीकि रूप से बेहद मजबूत हैं साथ ही एक प्लेयर और कोच के रूप में उनके पास लंबा अनुभव है।
महेला जयवर्दने श्रीलंका के इस पूर्व बल्लेबाज ने मैदान पर झंडे गाड़ने के बाद से कोचिंग में अपनी पहचान मजबूत करते जा रहे हैं। माहेला तीन साल पहले कोच के तौर पर आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस से जुड़े और इस छोटे से समय में ही मुंबई को दो बार खिताब दिला दिए। इंटरनैशनल क्रिकेट में उन्होंने 600 से ज्यादा मैच खेले हैं और उनका मैदान पर बिताया गया यह लंबा अनुभव किसी भी टीम को फायदा ही मिलेगा।