लिंचिंग की घटनाओं को सांप्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए : नकवी
मुंबई : केंद्रीय मंत्री मुक्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को कहा कि भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डालने की घटनाओं को सांप्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए या उसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। नकवी ने यह बात मुंबई में हज हाउस में एक नवीनीकृत हॉल का उद्घाटन के बाद संवाददाताओं से कही। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नकवी ने कहा, भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डालना एक आपराधिक विषय है। यह अत्यंत निंदनीय है और किसी को भी उसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। यह टिप्पणी झारखंड में पिछले सप्ताह 24 वर्षीय व्यक्ति की लिंचिंग की घटना की पृष्ठभूमि में आई है। पीड़ित तबरेज अंसारी को झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले में चोरी के संदेह में भीड़ द्वारा कथित रूप से एक खंबे से बांधकर डंडों से पीटा गया था। एक वीडियो में व्यक्ति को कथित रूप से जय श्रीराम और जय हनुमान बोलने के लिए बाध्य करते हुए देखा गया था। बाद में उसकी मौत हो गई थी। नकवी ने कहा कि बहुसंख्यक हिंदू संप्रदाय के सौहार्द्र और सहिष्णुता की संस्कृति ने भारत के लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्षता के आधार का निर्माण किया और उसे मजबूती प्रदान की। उन्होंने कहा, भारत विश्व का सबसे बड़ा धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देश है क्योंकि बंटवारे के बाद पाकिस्तान ने एक इस्लामी देश बनना चुना जबकि भारत में बहुसंख्यक हिंदू समुदाय ने धर्मनिरपेक्षता का रास्ता चुना। मंत्री ने कहा कि भाषा, आस्था, भोजन और रहन सहन में विविधता के बावजूद भारत की संस्कृति एक मजबूत रिश्ते से एकजुट रही। आज, अल्पसंख्यक भारत में धार्मिक और सामाजिक आजादी के साथ विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। भाजपा नेता ने कहा, भारत की मजबूत समावेशी संस्कृति, एकता और सौहार्द्र ने आतंकवाद और मानवता के अन्य शत्रुओं को परास्त किया है। हमारे समाज की एकता के प्रति प्रतिबद्धता के चिलते अलकायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकवादी समूह अपने नापाक इरादों में सफल नहीं हो पाये। उन्होंने कहा कि भारत में मुस्लिम समुदाय अच्छी तरह से जानता है कि आतंकवाद पूरी मानवता और इस्लाम के लिए सबसे बड़ा दुश्मन है। नकवी ने कहा, हमें यह सुनिश्चित करने के लिए सावधान रहना चाहिए कि कोई भी नकारात्मक एजेंडा समावेशी विकास और साहार्द्र के वातावरण को खराब करने में सफल नहीं हो। हमें धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र को हमारी ताकत बनाना है, कोई कमजोरी नहीं। मंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब रिकार्ड दो लाख मुस्लिम इस वर्ष बिना सब्सिडी के हज पर जाएंगे। उन्होंने कहा, मोदी सरकार द्वारा विकसित एक ईमानदार एवं पारदर्शी व्यवस्था ने यह सुनिश्चित किया कि हज सब्सिडी हटाये जाने के बाद हज यात्रियों पर कोई अनावश्यक वित्तीय बोझ नहीं हो। उन्होंने कहा कि बिना मेहरम के जाने वाली महिला हज यात्रियों की संख्या इस वर्ष पिछले वर्ष के मुकाबले दोगुनी हो गई है।