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मुंबई, यहां की एक विशेष अदालत ने एक नगर निकाय अस्पताल में अपनी कनिष्ठ सहयोगी को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के सिलसिले में गिरफ्तार की गई तीन महिला चिकित्सकों की जमानत याचिकाएं सोमवार को खारिज कर दी। न्यायाधीश पी बी जाधव ने हेमा आहूजा, भक्ति मेहर और अंकिता खंडेलवाल की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी। इन तीनों चिकित्सकों को २९ मई को गिरफ्तार किया गया है और तब से जेल में हैं। न्यायाधीश द्वारा आदेश सुनाये जाने के बाद तीनों आरोपियों ने अदालत में रोना शुरू कर दिया। मुंबई के बी. वाई. एल. नायर अस्पताल से जुड़ी स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा पायल तड़वी (26) ने 22 मई को छात्रावास के अपने कमरे में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। तड़वी के परिवार ने आरोप लगाया है कि उनके तीन वरिष्ठों आहूजा, मेहर और खंडेलवाल ने उन्हें जाति के नाम पर गालियां दीं और उन्हें यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया। तीनों आरोपियों की ओर से पेश वकील आबाद पोंडा ने अदालत में दलील दी कि इसे आत्महत्या के लिए उकसाने के रूप में वर्णित नहीं किया जा सकता है क्योंकि उनकी मुवक्किलों ने अपना काम समुचित ढंग से नहीं करने के सिलसिले में तड़वी की केवल खिंचाई की थी। विशेष लोक अभियोजक राजा ठाकरे ने जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा कि मामले में आरोपी लोगों को दोषी ठहराने के लिए प्रथमदृष्टया सामग्री उपलब्ध है। .

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