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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल संरक्षण के लिए देशभर के ग्राम प्रधानों और मुखियाओं को निजी तौर पर पत्र लिखा है। उन्होंने इस मानसून सीजन में ज्यादा से ज्यादा वर्षा जल को संग्रहित करने की अपील की है। ताकि गर्मी के दौरान पैदा होने वाले जलसंकट से निपटा जा सके। प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर वाले यह पत्र कलेक्टर खुद गांव जाकर मुखियाओं को दे रहे हैं।


पूर्वी उप्र के 637 ग्राम प्रधानों को पत्र सौंपा गया

मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के पास पूर्वी उप्र के 637 गांवों के मुखियाओं को प्रधानमंत्री का पत्र मिला है। जो ग्रामीण इलाकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसमें कहा गया है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को बारिश का पानी संग्रहित करने के लिए प्रेरित करें।


प्रधानमंत्री ने लिखा- ''प्रिय सरपंच जी, नमस्कार। मैं आशा करता हूं कि आप और आपकी पंचायत में रहने वाले मेरे सारे भाई और बहन की सेहत अच्छी होगी। मानसून आने को है। हम सौभाग्यशाली है कि भगवान हमें बारिश के पानी के रूप में बहुत सारा जल देते हैं। हम सभी को मिलकर इसे सहेजने की कोशिश करना चाहिए।''


''आपसे निवेदन है कि पानी को कैसे संग्रहित किया जाए, ग्राम सभाओं में इस विषय पर चर्चा करें। मुझे पूरा भरोसा है कि आप सभी बारिश के पानी की एक-एक बूंद को संग्रहित कर सकते हैं।''


सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि नीति आयोग की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री बारिश के पानी के संग्रहण के मुद्दे को विशेष रूप से उठाएंगे ताकि देश के बड़े हिस्से के जल संकट की समस्या से निपटा जा सके। जलशक्ति मंत्रालय ने जल संकट की स्थिति का आंकलन करने के लिए मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी।

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