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एक्टर आयुष्मान खुराना आमतौर पर उन्हीं कहानियों को चुनते हैं जिनके बारे में समाज में खास चर्चा नहीं होती है और जिन विषयों को टैबू समझा जाता है. बॉडी शेमिंग, स्पर्म डोनेशन जैसे कुछ मुद्दों वाली कहानियों में नज़र आ चुके आयुष्मान अपनी आने वाली फिल्म आर्टिकल 15 में एक अपर कास्ट इंस्पेक्टर का किरदार निभा रहे हैं जो दो दलित लड़कियों की मौत का केस सुलझा रहा है. हाल ही में फिल्म का ट्रेलर रिलीज़ हुआ था और ट्रेलर को जिस तरह का रिस्पॉन्स मिला है, उससे साबित होता है कि कास्ट सिस्टम पर प्रहार करती आयुष्मान की ये फिल्म भी भारत के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण होने जा रही है.

आयुष्मान ने हाल ही में अपनी इस फिल्म के बारे में द क्विंट से बातचीत की. उन्होंने अपने फिल्मों को चुनने के बारे में बात करते हुए कहा कि 'मैं काफी स्क्रिप्ट्स के लिए अपने आपको तैयार भी करता हूं और अच्छी कहानियों की खोज में लगा रहता हूं. आर्टिकल 15 और अंधाधुन जैसी फिल्मों के लिए डायरेक्टर्स की पहली चॉइस नहीं था. ये दोनों फिल्में मैंने अनुभव सिन्हा और श्रीराम राघवन से छीनी हैं.' उन्होंने आगे कहा कि 'अनुभव सिन्हा को कभी लगा ही नहीं था कि मैं एक पुलिसवाले का किरदार निभा सकता हूं.उन्हें ये भी लगा था कि शायद मुझे इस विषय के बारे में खास जानकारी नहीं है. वे आर्टिकल 15 के लिए एक ऐसे एक्टर को चाहते थे जो इस फिल्म के विषय को करीबी से समझ रखता हो. वो जातिवाद के मुद्दे पर मेरे विचारों से हैरान हुए थे. मैंने दलित लिटरेचर पढ़ा है और कुछ डॉक्यूमेंट्रीज़ भी देखी हैं. मेरे लिए किसी भी फिल्म को चुनने का तरीका यही है. उस फिल्म का कंटेंट काफी अच्छा होना चाहिए साथ ही फिल्म एंटरटेनिंग भी होनी चाहिए.'


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