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मोदी मंत्रिमंडल में मंत्रालयों का बंटवारा हो गया है. अमित शाह को गृह मंत्रालय और एस. जयशंकर को विदेश मंत्रालय का जिम्मा दिया गया है. इसके अलावा राजनाथ सिंह को रक्षा, निर्मला सीतारमण को वित्त, नितिन गडकरी को परिवहन, नरेंद्र तोमर को कृषि और पंचायती राज मंत्रालय का जिम्मा दिया गया है.
इसके अलावा सदानंद गौड़ा को रसायन एवं उर्वरक, पीयूष गोयल को रेल, धर्मेंद्र प्रधान को पेट्रोलियम, रविशंकर प्रसाद को कानून, स्मृति ईरानी को कपड़ा मंत्रालय के साथ महिला एवं बाल विकास, हर्षवर्धन को स्वास्थ्य, रमेश पोखरियाल निशंक को मानव संसाधन विकास, मुख्तार अब्बास नकवी को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय मिला है.
बता दें, गुरुवार शाम 7 बजे पीएम नरेंद्र मोदी ने मंत्रिमंडल के 57 सहयोगियों के साथ पद और गोपनीयता की शपथ ली थी. आज यानी शुक्रवार को शाम 5 बजे मोदी कैबिनेट की पहली बैठक भी है. इस दौरान मोदी सरकार कई अहम फैसले ले सकती है.
किन पूर्व मंत्रियों को नहीं मिली जगह
शपथग्रहण के साथ ही नई सरकार की रूपरेखा भी तय हो गई है, लेकिन इस बार कई दिग्गज नाम ऐसे भी हैं जिन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है.
इनमें सबसे बड़ा नाम है पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का. सुषमा ने कई महीने पहले ही स्वास्थ्य कारणों से चुनाव न लड़ने के अपने निर्णय के बारे में बता दिया था.
बावजूद इसके जब गुरुवार को उन्होंने शपथ नहीं ली तो कई लोग चौंक गए. 67 वर्षीय सुषमा स्वराज भाजपा सरकारों का प्रमुख चेहरा रही हैं.
पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली इस बार सरकार में नहीं हैं. उनका स्वास्थ्य ख़राब चल रहा है. अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया था कि उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाए. उन्होंने ट्वीट कर बताया था कि सेहत के चलते उन्होंने ये फ़ैसला लिया है और इस बारे में प्रधानमंत्री को चिट्ठी भी लिखी थी.
वहीं, बीजेपी की फ़ायरब्रांड नेता रहीं उमा भारती भी नई सरकार से बाहर हैं. उन्होंने भी चुनाव न लड़ने की घोषणा की थी.
उनके अलावा पूर्व रेलमंत्री सुरेश प्रभु को भी नए मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई है, पूर्व संस्कृति मंत्री महेश शर्मा भी इस बार कैबिनेट से बाहर हैं.
शर्मा पूर्व सरकार में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मामलों के राज्यमंत्री भी थे.
कृषि मंत्री राधामोहन सिंह को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.
बीजेपी के बाग़ी नेता यशवंत सिन्हा के बेटे और पिछली सरकार में राज्यमंत्री रहे जयंत सिन्हा को भी नए मंत्रिमंडल से जगह नहीं मिली है.
वहीं पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी को भी इस बार मंत्रीपद की शपथ नहीं दिलाई गई है, कुछ मीडिया ख़बरों में कहा जा रहा है कि मेनका गांधी को प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी दी जा सकती है.
युवा एवं खेल मामलों के राज्यमंत्री और निशानेबाज़ राज्यवर्धन सिंह राठौर को भी मोदी के नए मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल सकी है.
राठौर ने जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट से बड़े अंतर से जीत हासिल की है. राठौर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में सदस्य के रूप में काम करने को सम्मान की बात बताया है.
अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल को भी इस बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई है.
कर्नाटक से सांसद अनंतकुमार हेगड़े को भी मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया है.
इसके अलावा एसएस अहलूवालिया, सत्यपाल सिंह, रामकृपाल यादव विजय गोयल और केजे अल्फोंस को भी मंत्री नहीं बनाया गया है.
केजे अल्फोंस चुनाव हार गए हैं जबकि मंत्रीपद से हटाए गए बाकी अन्य ने चुनाव जीता है.
इसके अलावा मनोज सिन्हा, अनंत गीते, हंसराज अहीर और पी राधाकृष्णन को भी मंत्री नहीं बनाया गया है. मनोज सिन्हा इस बार यूपी के गाज़ीपुर सीट से चुनाव हार गए हैं.


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