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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 के बीच राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की नागरिकता पर एक बार फिर से विवाद छिड़ गया है. विदेशी नागरिकता की शिकायत पर राहुल गांधी को मिले केंद्र के नोटिस पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर पलटवार किया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला राहुल गांधी को मिले केंद्र के नोटिस पर कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि राहुल गांधी जन्म से ही भारतीय नागरिक हैं. मोदी जी के पास रोजगार, किसानों की समस्याओं, कालेधन आदि पर कोई जवाब नहीं है, इसलिए मोदी जी ऐसा करके ध्यान बंटाने की कोशिश कर रहे हैं. बता दें कि मंत्रालय द्वारा जारी नोटिस में राहुल गांधी को कहा गया है कि वह नागरिकता को लेकर शिकायत पर अपनी वास्तविक स्थिति 15 दिन के भीतर बताएं.
 
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 'पूरी दुनिया जानती है कि राहुल गांधी जन्म से भारतीय नागरिक हैं. मोदी जी के पास बेरोजगारी के लिए कोई जवाब नहीं है, मोदी जी के पास कृषि संकट और काले धन का कोई जवाब नहीं है, इसीलिए वे ध्यान हटाने के लिए अपने सरकार के नोटिस के माध्यम से फर्जी कहानी का सहारा ले रहे हैं.' बता दें कि राहुल गांधी को केंद्र ने नोटिस BJP सांसद सुब्रह्मण्यम की शिकायत पर की है, जो कई सालों से आरोप लगा रहे हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष के पास ब्रिटेन की नागरिकता है.

गृह मंत्रालय में निदेशक (नागरिकता) बी.सी. जोशी द्वारा जारी खत में कहा गया है, "मुझे यह कहने का निर्देश प्राप्त हुआ है कि इस मंत्रालय को डॉ सुब्रह्मण्यम स्वामी की ओर से एक शिकायत मिली है, जिसमें जानकारी दी गई है कि बैकऑप्स लिमिटेड नामक कंपनी को वर्ष 2003 में यूनाइटेड किंगडम में रजिस्टर किया गया था, जिसका पता 51 साउथगेट स्ट्रीट, विंचेस्टर, हैम्पशर SO23 9EH था, और आप उसके निदेशकों में से एक तथा सचिव थे..."
 
खत में आगे लिखा गया है, "शिकायत में यह भी जानकारी दी गई है कि 10 अक्टूबर, 2005 तथा 31 अक्टूबर, 2006 को दाखिल की गई कंपनी की वार्षिक रिटर्न में आपकी जन्मतिथि 19 जून, 1970 बताई गई है, और आपने अपनी नागरिकता ब्रिटिश बताई है." बता दें कि सात चरणों में हो रहे लोकसभा चुनाव 2019 में राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की अमेठी और केरल की वायनाड लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं.

शिकायत के अनुसार, 17 फरवरी, 2009 को दी गई कंपनी की डिसॉल्यूशन अर्ज़ी में भी राहुल गांधी की नागरिकता ब्रिटिश बताई गई है. गृह मंत्रालय ने कहा है, "आपसे आग्रह है कि इस मामले में वास्तविक स्थिति से इस खत के मिलने के एक पखवाड़े के भीतर मंत्रालय को अवगत कराएं."
दरअसल, गांधी परिवार के मुखर आलोचक रहे डॉ सुब्रह्मण्यम स्वामी ने यह आरोप सबसे पहले वर्ष 2015 में लगाया था, और उसके बाद वह इसे अक्सर दोहराते रहे हैं. वर्ष 2016 में राहुल गांधी ने BJP नेता पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया था, और दस्तावेज़ी सबूत लाकर आरोपों को साबित करने की चुनौती दी थी.


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