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  पुलिस ने मामला दर्ज किया गया है। पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामले में पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने 13 वर्ष के लड़के के साथ मारपीट का वीडियो बनाया। फिर पीड़ित को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। महाराष्ट्र पुलिस ने कहा है कि उत्पीड़न के नाबालिग आरोपियों को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष पेश किया जाएगा।अपराध की बढ़ती घटनाओं के बीच मुंबई से रूह कंपा देने वाली वारदात सामने आई है। 6 नाबालिगों ने 13 वर्षीय लड़के का यौन उत्पीड़न किया है। इंडियन एक्सप्रेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई के गोरेगांव में मंगलवार को 6 नाबालिग लड़कों को हिरासत में लिया गया। अलग-अलग मौकों पर 13 वर्ष के लड़के के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में इन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।आरोपियों ने कथित तौर पर 13 वर्षीय लड़के पर हमले के वीडियो शूट किए और पीड़ित को ब्लैकमेल करने के लिए वीडियो का इस्तेमाल किया। मामला तब सामने आया जब वॉट्सऐप पर एक वीडियो शेयर की गई। वीडियो जब पीड़ित के चाचा के सामने आई तो उन्होंने पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने बताया कि 14 से 16 साल के उम्र के बीच छह आरोपियों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है। इनके खिलाफ POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और आईटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज हुआ है। पुलिस ने बताया कि सभी आरोपी नाबालिग हैं ऐसे में इन्हें जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष पेश किया जाएगापुलिस ने बताया कि आरोपी और पीड़ित एक ही चॉल में रहते थे। यौन उत्पीड़न इसी साल मार्च में शुरू हुआ। एक आरोपी ने 13 वर्षीय बच्चे के साथ मारपीट की। दूसरे ने वीडियो रिकॉर्ड की। उत्पीड़न जून तक चलता रहा। इस मामले के पांच अन्य आरोपियों ने भी इस घटना की वीडियो का इस्तेमाल पीड़ित को ब्लैकमेल करने के लिए किया। इसी दौरान पीड़ित का यौन उत्पीड़न भी हुआ। मुंबई पुलिस का कहना है कि 13 वर्षीय पीड़ित ने शिकायत नहीं की। घर पर भी खामोशी रखी, क्योंकि 6 लड़कों ने पिटाई करने की धमकी दी थी। इस मामले में इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक चार आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 377 यानी अननेचुरल अपराध, धारा 506 यानी आपराधिक धमकी (criminal intimidation) के तहत मामला दर्ज किया गया है। आईटी एक्ट की धारा 67 और 67 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है। पॉक्सो एक्ट की धारा 6 और 14 के तहत मामला दर्ज किया गया बता दें कि Protection Of Children From Sexual Offences (POCSO) एक्ट 2012 में बनाया गया। इस मामले में POCSO की धारा 6 के तहत छेड़ना या चुभने वाला सेक्सुअल असॉल्ट (aggravated penetrative sexual assault) के आरोप लगाए जाते हैं। धारा 14 के तहत अश्लील उद्देश्यों के लिए बच्चे का उपयोग करने की सजा (punishment for using child for pornographic purposes) देने का प्रावधान है।

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