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    महाराष्ट्र विधानसभा परिषद चुनाव के एक दिन बाद सामने आया है, जिसमें भाजपा ने सत्तारूढ़ शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन को जोरदार झटका देते हुए 5वीं सीट पर जीत दर्ज कर ली. बताया जा रहा है कि शिंदे और अन्य विधायक सूरत के एक 5 स्टार होटल में ठहरे हुए हैं. सूत्रों की मानें तो इन सभी विधायकों ने सोमवार शाम 7 बजे सूरत के लिए एक चार्टर्ड फ्लाइट से उड़ान भरी.इधर एमएलसी चुनाव में संदिग्ध क्रॉस वोटिंग के बाद सीएम उद्धव ठाकरे ने आज दोपहर 12 बजे शिवसेना के सभी विधायकों की तत्काल बैठक बुलाई है. सभी विधायकों को बैठक में मौजूद रहने के लिए सख्ती से कहा गया है. एमवीए के घटक दल कांग्रेस के उम्मीदवार चंद्रकांत हंडोरे एमएलसी चुनाव में हार गए थे. भाजपा नेता मोहित काम्बोज ने दावा किया है कि पार्टी के 3 विधायकों ने 'क्रॉस वोटिंग' की है. एक वायरल व्हाट्सएप चैट के अनुसार, भाजपा की मुंबई इकाई के पदाधिकारी काम्बोज ने कहा, ‘हमें 134 वोट मिले, जबकि एक वोट बर्बाद हो गया. भाजपा के 3 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है. बहुजन विकास अघाड़ी के 3 विधायकों ने हमारे पक्ष में वोट नहीं डाला.गत 10 जून को राज्यसभा चुनाव के बाद राज्य में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन के लिए एमएलसी चुनाव एक और चौंकाने वाला घटनाक्रम रहा. क्योंकि मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने कांग्रेस के पहली वरीयता के उम्मीदवार चंद्रकांत हंडोरे को पछाड़ते हुए अपने अतिरिक्त उम्मीदवार को विधानपरिषद पहुंचाने में सफलता हासिल की. आपको बता दें कि राज्यसभा चुनाव में भी महा विकास अघाड़ी गठबंधन को चौंकाते हुए भाजपा ने अपने तीसरे उम्मीदवार धनंजय महादिक की जीत सुनिश्चित की थी. शिवसेना के संजय पवार को हार का सामना करना पड़ा था. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इसे देवेंद्र फडणवीस का करिश्मा करार दिया था.20 जून को हुए महाराष्ट्र विधान परिषद के चुनाव में भाजपा के सभी 5 उम्मीदवार संख्या बल की कमी के बावजूद चुने गए, जबकि एमवीए को भी पांच सीटें मिलीं. 10वीं सीट के लिए मुख्य मुकाबला कांग्रेस के भाई जगताप और भाजपा के प्रसाद लाड के बीच था. दोनों ने जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस की पहली पसंद चंद्रकांत हंडोरे को 10 सीटों के लिए खड़े 11 उम्मीदवारों के इस चुनावी मुकाबले में अप्रत्याशित रूप से हार का सामना करना पड़ा. सूत्रों के मुताबिक एमएलसी चुनावों में भाजपा को 20 अतिरिक्त वोट मिले हैं. यदि विधान परिषद चुनाव में समर्थन देने वाले 20 विधायक भाजपा के खेमे में चले जाते हैं, तो उसे उद्धव ठाकरे सरकार को सत्ता से हटाने के लिए 11 से कम विधायकों के समर्थन की जरूर पड़ेगी. इसलिए एकनाथ शिंदे का 11 विधायकों के साथ सूरत जाना शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस गठबंधन के लिए चिंता का कारण है.

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