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मुंबई, केंद्र सरकार ने जल्दबाजी में ही सही दिवाली के एक दिन पहले आम आदमी को मामूली सी राहत देने का प्रयास किया है। इस प्रयास के बाद भी जनता के हाथ में कुछ नहीं आया, क्योंकि सरकार द्वारा जारी की गई दरें आज से लागू होंगी और जनता दिवाली की खरीदारी पहले ही कर चुकी है। दरों में गिरावट के बाद आम जनता का मानना है कि केंद्र सरकार ने सिर्फ लोगों को बरगलाने के लिए एक नया शिगूफा छोड़ा है। सरकार ने आनन-फानन में डीजल-पेट्रोल पर पैâसला लिया है।
गौरतलब है कि दिल्ली में ही पेट्रोल की कीमत ११० रुपए के करीब पहुंच गई है, जबकि डीजल भी ९९ रुपए प्रति लीटर हो गया है। पेट्रोल-डीजल के कारण खाने-पीने की सभी वस्तुएं महंगी हो गई हैं। सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में ये कटौती दीपावली के एक दिन पहले की है। इससे आज से पेट्रोल ५ रुपए और डीजल १० रुपए सस्ता हो जाएगा।
इस मामले पर आर्थिक जानकारों का मानना है कि पेट्रोल और डीजल के दामों का अर्थव्यवस्था पर असर पड़ना भी स्वाभाविक था। त्योहारों के पहले खाने-पीने के सामान बहुत महंगे हो गए हैं, वहीं किसानों को भी डीजल १०० रुपए के करीब की कीमत भी सता रही थी। केंद्र सरकार द्वारा उठाया गया ये कदम हालिया विधानसभा उपचुनाव में कुछ राज्यों में भाजपा के खराब प्रदर्शन को भी जोड़कर देखा जा रहा है।
हालांकि दुनियाभर में अभी कच्चे तेल के दामों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। तेल कंपनियां इसी के हिसाब से पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी कर रही हैं। अक्टूबर में तो लगभग हर दिन ही पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़े हैं। अगर इस साल की बात करें तो पेट्रोल २५ रुपए के करीब और डीजल २० रुपए प्रति लीटर तक महंगा हो गया है। राजस्थान के श्रीगंगानगर और कुछ अन्य इलाकों में तो पेट्रोल १२१ रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गया था।


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