Latest News

मुंबई : रेलवे की पुरानी पॉलिसी के चलते ट्रेनों से पार्सल भेजने के धंधे में लगातार नुकसान हो रहा था। लंबी दूरी की ट्रेनों में यदि पार्सल की चोरी होती थी, तो पुरानी पॉलिसी के चलते एफआईआर दर्ज कराने में परेशानी होती थी। ये पार्सल प्राइवेट लीज होल्डर्स को दिए गए एसएलआर डिब्बों से चोरी हो रहे थे। अब रेलवे ने इन डिब्बों को ‘रेलवे की प्रॉपर्टी’ के अंतर्गत नोटिफाई किया है। इस नए बदलाव के बाद एफआईआर दर्ज कराना आसान होगा। एफआईआर की कॉपी होने पर इन्श्यूरैंस क्लेम भी किया जा सकता है।
मुंबई से दिल्ली के बीच चलने वाली पश्चिम एक्सप्रेस और गोल्डन टेंपल में लगातार चोरियां हो रही थीं। चोर एसएलआर बोगी का पतरा काटकर वारदात को आसानी से अंजाम देते थे। इन चोरियों के चलते लीज होल्डर्स का व्यापार कम हो रहा था। साथ ही आम व्यक्ति जिसने लीज होल्डर के माध्यम से यदि सामान बुक कराया हो, तो उसे भी नुकसान उठाना पड़ता था।
चोरी को अंजाम देने की बड़ी ही दिलचस्प स्टोरी है। पश्चिम एक्सप्रेस रात में रतलाम और कोटा डिविजन गुजरती है। सूत्रों के अनुसार रामगंज मंडी से लेकर सवाई माधोपुर जंक्शन के बीच अक्सर इस ट्रेन में चोरियां होती हैं। ट्रेन रात ०१:०८ बजे रामगंज मंडी पहुंचती है। इसके एक घंटे बाद २:१० बजे कोटा और ३:४८ बजे सवाई माधोपुर जंक्शन पहुंचती है। बताया जा रहा है कि इनमें से दो स्टेशनों के बीच चोर लीज डिब्बे से सटे गार्ड वैन में आराम से घुसते हैं। इस डिब्बे में कोई भी व्यक्ति नहीं होता है। लीज डिब्बे का पतरा काटकर वारदात को अंजाम दिया जाता है।

Weather Forecast

Advertisement

Live Cricket Score

Stock Market | Sensex

Advertisement