केंद्रीय वन व पर्यावरण विभाग ने जारी की अधिसूचना, ठाणे खाड़ी इको-सेंसिटिव
मुंबई, ठाणे खाड़ी को फ्लेमिंगो अभयारण्य इको सेंसिटिव जोन
घोषित कर दिया गया है। इसे लेकर केंद्रीय वन व पर्यावरण विभाग ने बाकायदा
अधिसूचना जारी की है। बताया गया है कि इस अधिसूचना को लेकर आई सभी
आपत्तियों पर विस्तृत चर्चा करने के बाद ही निर्णय लिया गया है। इस निर्णय
से ठाणे खाड़ी की सीमा से ३.८९ किमी का क्षेत्र अब अभयारण्य होगा। साथ ही
लगभग ४८ हजार ३०५ वर्ग किमी का क्षेत्र इको-सेंसिटिव जोन को कवर करेगा।
उल्लेखनीय
है कि मुंबई, ठाणे और नई मुंबई के नजदीक होने के चलते खाड़ी के आस-पास के
क्षेत्र में जनसंख्या बढ़ने लगी है। बताया गया है परिसर में पांच लाख करोड़
से अधिक की निर्माण कार्य परियोजनाएं चल रही हैं। इसके साथ ही मेट्रो जैसी
अनेक मूलभूत परियोजनाएं प्रगति पथ पर अग्रसर हैं। इसी क्रम में ठाणे खाड़ी
फ्लेमिंगो अभयारण्य के करीब १० किमी के दायरे में निर्माण को अब अंतिम
अनुमति नहीं मिलेगी।
इस बीच केंद्र सरकार के निर्णय
में स्पष्टता की कमी के कारण मुंबई, ठाणे और नई मुंबई क्षेत्रों में प्रमुख
परियोजनाएं ठप हो गर्इं। केंद्र सरकार की ओर से जारी अंतिम अधिसूचना और
इको-सेंसिटिव जोन क्षेत्र में स्पष्टीकरण मिलने के बाद ५०० परियोजनाओं को
पूरा किया जा सकेगा, इससे निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही बड़ी
संख्या में रोजगार भी उपलब्ध होंगे।
वनशक्ति
स्वयंसेवी संस्था के निदेशक स्टॉलिन डी के मुताबिक अधिसूचना एक बड़ा मजाक
है। नई मुंबई के मैंग्रोव्ज वनों को बाहर रखा गया है। उनका उल्लेख आरक्षित
वन के रूप में भी नहीं किया जाता है। ठाणे की खाड़ी में केवल मैंग्रोव्ज को
आरक्षित वन घोषित किया गया है। इस क्षेत्र को इको-सेंसिटिव जोन घोषित किया
गया है।