महाराष्ट्र का DGP रहते फोन टेपिंग केस में सुबोध जायसवाल को नोटिस, 14 अक्टूबर को हाजिर होने को कहा
मुंबई, महाराष्ट्र में ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़े कथित फोन टेपिंग मामले में मुंबई पुलिस ने CBI डायरेक्टर सुबोध जायसवाल को समन भेजा है। मुंबई पुलिस ने उन्हें 14 अक्टूबर को साइबर सेल के मुंबई ऑफिस में रिपोर्ट करने को कहा है। जायसवाल के महाराष्ट्र का DGP रहने के दौरान राज्य के कई बड़े लोगों के फोन टेप करने और उनसे जुड़े दस्तावेज लीक करने का संदेह है। महाराष्ट्र कैडर के 1985 बैच के IPS अधिकारी जायसवाल को इस साल मई में दो साल के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) का प्रमुख नियुक्त किया गया था।
मुंबई पुलिस की साइबर सेल ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत इस मामले की जांच कर रही हैं। वहीं, इस मामले की सुनवाई बॉम्बे हाईकोर्ट कर रहा है। पुलिस ने कोर्ट में कहा है कि जायसवाल को समन ई-मेल के जरिए भेजा गया है, जिसमें उन्हें अगले गुरुवार को पेश होने के लिए कहा गया है।
यह पूरा मामला 2020 का है। उस समय राज्य की IPS अफसर रश्मि शुक्ला इंटेलिजेंस विंग की कमिश्नर थीं। उन्होंने 25 अगस्त 2020 को एक खुफिया रिपोर्ट तत्कालीन DGP सुबोध जायसवाल को भेजी थी। इसमें कई IPS अफसरों और मंत्रियों के फोन टेप किए जाने के बाद उनकी बातचीत का ब्यौरा था। जायसवाल ने ये रिपोर्ट अपनी नोटिंग के साथ तत्कालीन ACS होम सीताराम कुंटे को सौंपकर जांच की मांग की थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर महाराष्ट्र के पूर्व CM देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में बड़े ट्रांसफर रैकेट का आरोप लगाया था। उन्होंने कई घंटों की रिकॉर्डिंग केंद्रीय गृह सचिव को सौंपी थी।
इस मामले में इंटेलिजेंस विंग की कमिश्नर रहीं IPS अफसर रश्मि शुक्ला सवालों के घेरे में हैं। रश्मि पर आरोप है कि उन्होंने न सिर्फ बिना इजाजत कई लोगों के फोन टेप किए, बल्कि इसके रिकॉर्ड विरोधी पार्टियों के नेताओं को लीक कर अपने पद का दुरुपयोग किया। रश्मि शुक्ला ने 2019 के दौरान फोन टेप कराए थे। महाराष्ट्र के DGP संजय पांडे के आदेश पर मार्च के आखिरी सप्ताह में इस मामले में मुंबई की साइबर सेल में एक FIR रजिस्टर हुई थी। हालांकि, यह FIR अज्ञात शख्स के खिलाफ थी, इसलिए रश्मि शुक्ला FIR में आरोपी नहीं है।