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मुंबई, मनपा क्षेत्रों में जैसे-जैसे कोरोना दम तोड़ रहा है, वैसे-वैसे अब स्कूलों में छात्र-छात्राओं की गूंज से रौनक भी बढ़ गई है। स्कूल प्रशासन की ओर से कोरोना नियमों के सख्ती से पालन को लेकर धीरे-धीरे अभिभावकों का विश्वास बढ़ने से अब स्कूलों में बच्चों की संख्या भी बढ़ने लगी है। १९ महीने बाद स्कूलों में पहुंचे बच्चों के चेहरे पर जहां गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है तो वहीं शिक्षक भी बच्चों को पढ़ाने में खूब रुचि ले रहे हैं।
कोरोना शुरू होने के साथ ही पिछले वर्ष मार्च से बंद स्कूलों में ४ अक्टूबर से छात्र-छात्राओं की आवाज गूंजने लगी है। वही घंटियां, वही रेसिस और स्कूल छूटने पर शोर-शराबा फिर से शुरू हो गया है। बेजान स्कूल की क्लास अब फिर से जिंदा हो गई हैं। बच्चों के स्कूल आने से बच्चों में खुशी छाई है।
मनपा के आंकड़ों की मानें तो ४ तारीख को स्कूल खुलने के पहले दिन ३० हजार बच्चों और ४,७७६ शिक्षकों ने उपस्थिति दर्ज कराई थी। जबकि बुधवार को ३४ हजार से ज्यादा बच्चों ने स्कूल में उपस्थिति दर्ज कराई और ४२ हजार से ज्यादा शिक्षकों ने उन्हें पढ़ाया। औसतन एक हजार शिक्षकेतर कर्मचारी भी स्कूल पहुंच रहे हैं।
कोरोना नियमों के पालन को लेकर सख्ती बरती जा रही है। स्कूलों पर नियमों के पालन को लेकर मनपा का दबाव देखते हुए अभिभावकों में भी अब कोरोना से सुरक्षा के प्रति विश्वास जगा है।
मनपा के मुख्य शिक्षा अधिकारी तड़वी ने कहा कि स्कूलों में क्लासें जरूर शुरू हो गई हैं लेकिन ऑनलाइन शिक्षा को बंद करने का कोई निर्देश नहीं है। सभी स्कूलों को ऑनलाइन शिक्षा प्रक्रिया जारी रखने का निर्देश दिया गया है। ताकि जो बच्चे घर पर हैं और स्कूल नहीं आ रहे हैं, उनकी शिक्षा को लेकर कोई नुकसान न हो।
मनपा अधिकारी राजू तड़वी ने कहा कि कोरोना नियमों को लेकर हमने पूरी सख्ती बरती है। स्कूलों को जारी गाइडलाइन का पालन अनिवार्य किया गया है। हमारे अधिकारी दौरा कर स्कूलों में नियमों के पालन को लेकर निरीक्षण कर रहे हैं। यदि कोई स्कूल कोरोना नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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