लाइफ लाइन कहलानेवाली लोकल से दस दिन में २६ कटे
मुंबई, मुंबईकरों की लाइफ लाइन कहलानेवाली लोकल ट्रेनें लोगों की मौत का कारण बन रही हैं। हालांकि मौतें लोगों की अपनी गलतियों के ही कारण हो रही हैं। लोग पटरी पर चलने या पटरी पार करने के प्रयास में ट्रेन की चपेट में आकर हादसे का शिकार हो रहे हैं और अपनी जान गवां रहे हैं। बीते महज १० दिनों में ५१ लोगों की मौत रेल परिसर में हुई है, जिनमें से सर्वाधिक २६ लोगों की मौत रेल पटरी पर चलने या पार करने के दौरान हुई है। ये आंकड़े लोगों को चेतावनी देते हैं कि रेल पटरियों से दूर रहें अन्यथा लोकल उनकी जान ले सकती है।
बता दें कि कोरोना काल में पाबंदियों के कारण मुंबई की लाइफ लाइन लोकल ट्रेन लंबे समय तक बंद थी। बाद में लोकल शुरू भी हुई तो सिर्फ कोरोना प्रâंटलाइन वर्करों के लिए। लोकल अभी भी सभी आम यात्रियों के लिए शुरू नहीं हुई है इसके बावजूद रेल परिसर में हो रहे हादसों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिल रही है। बीते २३ सितंबर से ४ अक्टूबर के बीच ५१ लोगों की मौत रेल परिसर में हुई है। इनमें २६ लोग रेल पटरी पार करने या अन्य वजहों से लोकल की चपेट में आकर मारे गए जबकि ८ लोगों की मौत चलती ट्रेन से गिरने से हुई है। वहीं एक यात्री की खंभे से टकराने की वजह से मौत हुई है। मरनेवालों में २४ लोगों की शिनाख्त नहीं हो सकी है। गौरतलब हो कि इन आंकड़ों में २५-२६ सितंबर और २ अक्टूबर को हुए रेल हादसों के आंकड़ें शामिल नहीं हैं।