मुंबई के आरे कॉलोनी गोरेगांव में २५० परिवार तेंदुए के खौफ के साये में, एसजीएनपी की टीमें बस्तियों में कर रही हैं गश्त
मुंबई, मुंबई शहर की चकाचौंध में गोरेगांव की आरे कॉलोनी में रहनेवाले २५० परिवार तेंदुए के खौफ के साये में जी रहे हैं। तेंदुए का इतना खौफ है कि शाम ढलते ही लोगोें के घरों के दरवाजे और खिड़कियां बंद हो जाती हैंै। गोरेगांव के आरे कॉलोनी में पिछले एक महीने में तेंदुए के हमले में सात लोग जख्मी हो चुके हैं। तेंदुए के इस हमले में एक ४ साल के मासूम बच्चे सहित ५५ वर्षीय महिला भी शामिल है। वहीं वन विभाग द्वारा पकड़े गए तेंदुए में एक चिप लगाकर उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
आरे कॉलोनी में रहनेवाली निर्मला रामबदन सिंह ने बताया कि गत दिनों तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया था, जिसमें वह जख्मी हो गर्इं। हमले के बाद आज भी वे सदमे में हैं। इसी तरह ४ वर्षीय आशीष के परिजनों ने बताया कि हमले के बाद से आरे कॉलोनी में रहनेवाले करीब २५० परिवार शाम होते ही अपने घरों के खिड़की-दरवाजे बंद कर देते हैं। उन्हें डर है कि शाम होते ही तेंदुआ कहीं से भी आकर हमला कर देगा। तेंदुए के आतंक से यहां के रहिवासी डर के साये में जी रहे हैं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील लिमये ने बताया कि आरे मिल्क कॉलोनी के सभी तेंदुओं को रेडियो कॉलर उपकरणों से लैस करने की योजना बनाई गई है। उनकी गतिविधियों को मॉनिटर किया जा रहा है। तेंदुए ने पिछले एक महीने में ७ लोगों पर जानलेवा हमला किया था। तेंदुए के हमले रोकने और लोगों पर जानलेवा हमला करनेवाले असली तेंदुए की तलाश में एसजीएनपी की टीमें बस्तियों में गश्त कर रही हैं। वन अधिकारी के अनुसार संजय गांधी नेशनल पार्क में बंद पिंजरों में रह रहे जानवरों में ५ टाइगर, २ लायन, १३ लेपर्ड, ३ रस्टी वैâट (दुनिया की सबसे छोटी बिल्ली) ३५ हिरण, १ चारसिंघा तथा ३ नील गाय मौजूद हैं।