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मुंबई, पालघर जिला इन दिनों देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी अपना परचम लहरा रहा है। पालघर जिले का चीकू पहले से ही विदेशों में छाया हुआ है। यहां की आदिवासी पेंटिंग भी सभी के नजरों के सामने है, वहीं अब पालघर जिले में उगाई जानेवाली कोलम चावल को जीआई (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) टैग मिला है, जो इस चावल की न केवल एक विशेष पहचान है बल्कि इससे इस चावल का विदेशों में भी निर्यात होने का मार्ग खुल गया है। पालघर जिला कृषि अधिकारी काशीनाथ तरकासे ने बताया कि वाडा कोलम चावल को जीआई टैग मिला है। इस संबंध में २९ सितंबर को मुंबई में बैठक हुई थी। वाडा कोलम चावल को जिनी अथवा झिनी के तौर पर जाना जाता है। यह एक परंपरागत चावल है, जिसे पालघर जिले के वाडा तहसील में उगाया जाता है। इस चावल का रंग सफेद होता है। घरेलू बाजार में इस चावल की कीमत ६० से ७० रुपए प्रति किलोग्राम है और विदेशों में इसकी मांग बहुत अधिक है। वाडा तालुका में कोलम चावल की खेती करनेवाले किसान अनिल पाटील ने बताया कि तहसील के २५० किसान चावल की इस किस्म की खेती करते हैं।



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