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मुंबई,  कोरोना महामारी के दौरान मरीजों के परिवारों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. दवा से लेकर इलाज तक के लिए परिजन दर दर की ठोकरें खा रहे थे. वहीं महाराष्ट्र में किये गये सर्वेक्षण के दौरान सामने आया कि कोरोना से पीड़ित 75 प्रतिशत से अधिक मरजों से निजी अस्पतालों ने अधिक शुल्क वसूला.

स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रहे कार्यकर्ताओं के संगठन जन आरोग्य अभियान के डॉ. अभय शुल्का ने बताया कि (सर्वेक्षण का हिस्सा बने रोगियों में) करीब आधे रोगियों की इलाज के दौरान मृत्यु हो गयी. उन्होंने कहा कि हमने 2579 रोगियों के मामलों का सर्वेक्षण किया, उनके रिश्तेदारों से बातचीत की और अस्पताल के बिलों का ऑडिट किया. उनमें से करीब 95 प्रतिशत निजी अस्पतालों में भर्ती कराये गये थे.

डॉ. शुक्ला ने कहा कि सर्वे में हमने पाया कि 75 प्रतिशत रोगियों के इलाज में अधिक शुल्क वसूला गया. औसतन 10 हजार से एक लाख रूपये तक अधिक बिल वसूला गया. उनमें से ज्यादातर मरीज महामारी की दूसरी लहर के दौरान अस्पताल में भर्ती कराये गये थे. डॉ. शुक्ला ने दावा किया कि रोगियों में कम से कम 220 ऐसी महिलाएं थीं जिन्होंने वास्तविक बिल से एक लाख से लेकर दो लाख रूपये तक अधिक बिल जमा किया जबकि 2021 मामलों में रोगियों या उनके रिश्तेदोरों ने दो लाख अधिक रूपये दिये.

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