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मुंबई : मुंबई में कोविड संकट के दौरान नियमों की आड़ में बीएमसी प्रशासन और सत्ताधारी पार्टी की सांठगांठ से 5,724 करोड़ की अनियमितता किए जाने का आरोप बीजेपी ने लगाया है। स्थायी समिति में कोई भी प्रस्ताव 15 दिन के भीतर लाकर पास कराने का नियम होने के बाद भी पांच वर्ष पुराना प्रस्ताव लाकर मंजूर कराया जा रहा है। यह आरोप बीजेपी विधायक योगेश सागर ने लगाया।
बीएमसी बीजेपी कार्यालय में आयोजित पत्रकार परिषद में योगेश सागर ने कहा कि अधिनियम 69 और 72 का सहारा लेकर 5 लाख से 75 लाख के प्रस्ताव बिना निविदा के पास किए जा रहे हैं। इन कार्यों का व्योरा और ठेकेदार की जानकारी 15 दिन के भीतर स्थायी समिति के सामने रखनी चाहिए, लेकिन इसकी आड में पुराने प्रस्ताव भी पास किए जा रहे हैं। ई विभाग में रिचर्डसन और क्रूडास पर 9 करोड़ 93 लाख रुपए खर्च किए गए। इसी प्रकार के अन्य उदाहरण हैं जो इन अधिनियमों के तहत अनियमितता की जा रही है।
गुटनेता शिंदे लंबे समय से सभी समितियों की प्रत्यक्ष बैठक लेने की मांग कर रहे हैं, लेकिन घोटाला करने के लिए प्रत्यक्ष बैठक का आयोजन नहीं किया जा रहा है। अब करोना कम हो गया है। मुंबई को खोल दिया गया है। स्कूल और मंदिर भी खुलने जा रहे हैं, अधिवेशन भी होने जा रहा है, लेकिन बीएमसी सभागृह और समितियों की प्रत्यक्ष बैठक नहीं ली जा रही है। हमारी मांग है कि दोनों डोज लेने वाले नगरसेवकों को अनुमति देकर प्रत्यक्ष बैठक का आयोजन करें।
स्थायी समिति अध्यक्ष के कक्ष के बाहर प्रदर्शन
बीजेपी गुट नेता प्रभाकर शिंदे और पार्टी नेता विनोद मिश्रा के नेतृत्व में बीजेपी नगरसेवकों ने स्थायी समिति अध्यक्ष के कक्ष के बाहर प्रदर्शन किया। योगेश सागर ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी करदाताओं के पैसे की लूट कर रही है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बीजेपी शिवसेना के खिलाफ जनता के बीच जाने के साथ ही दूसरे मार्ग अपनाएगी।

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