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मुंबई, कोरोना काल में विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली का सदुपयोग किया गया। सरकार ने छात्रों को कंप्यूटर ज्ञान प्रदान करने पर विशेष ध्यान दिया है और इसके लिए विभिन्न योजनाएं तैयार की गई हैं। सभ्य समाज के निर्माण में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है और ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी को सफलतापूर्वक पूरा किया जाना चाहिए। यह आह्वान कल खाद्य व आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने किया।
भुजबल ने कहा कि कोरोना काल में सरकार ने काफी पैसा खर्च किया है। मौजूदा दौर बहुत मुश्किल भरा है, इससे रास्ता निकालते हुए राज्य सरकार विकास कार्यों को प्राथमिकता दे रही है। बच्चों को देश का भविष्य बताते हुए भुजबल ने कहा कि ग्रामीण अंचलों में पेड़ों के नीचे और खुले में पढ़नेवाले बच्चों के लिए आंगनबाड़ियों की स्थापना का कार्य किया गया है। दुःख और कठिनाइयां आने पर भी हमें अपना काम नहीं रोकना चाहिए, उससे निकलने का रास्ता खोजकर आगे बढ़ना चाहिए। जब समाज अधिक शिक्षित होगा तो विभिन्न प्रश्न अपने आप हल हो जाएंगे। ज्ञान एक संपत्ति है और शिक्षक ज्ञान के दाता हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों के साथ है और उनकी सभी समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। भुजबल ने यह भी आश्वासन दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों की मरम्मत के लिए धन उपलब्ध कराया जाएगा। भुजबल कल मालेगांव के हरिकेश लॉन में जिला परिषद शिक्षा सहकारी संस्था के नए हॉल के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। ‌इस अवसर पर विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि झिरवाल सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।



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