४४० निजी आवासीय परियोजनाओं को म्हाडा ने लिया अपने हाथ
मुंबई, मुंबई और उपनगर में ४४० निजी आवासीय परियोजनाएं अधर में लटकी हुई हैं। ये आवासीय परियोजनाएं विकासकों की लेट-लतीफी के चलते लटकी हुई हैं, जिसके कारण लोगों के ‘अपने घर’ का सपना लंबे समय से अधूरा है। अब लोगों का यह महत्वपूर्ण सपना म्हाडा पूरा करेगी। अधर में लटकी इन परियोजनाओं को अब म्हाडा ने अपने हाथ में लिया है। इसके लिए म्हाडा विकासकों को जल्द ही नोटिस जारी करेगी। इन सबके पीछे म्हाडा का सिर्फ एक ही उद्देश्य है, वो ये कि उक्त परियोजनाओं को जल्द पूरा किया जा सके और लोगों को उनके अधिकार का घर समय पर मिले।
बता दें कि म्हाडा से पुनर्विकास की अनुमति लेने के बावजूद विकासकों ने निजी आवासीय परियोजनाओं को अधूरा छोड़ रखा है। अधर में लटकी परियोजनाओं से निवासी त्रस्त हैं और म्हाडा कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। इतना ही नहीं, विकासकों ने इमारत का पुनर्विकास शुरू करने के बाद निवासियों को किराया देना भी बंद कर दिया है, जिसके कारण रहिवासी परेशान हैं। मुंबई म्हाडा मंडल के मुख्य अधिकारी डॉ.योगेश म्हसे के अनुसार म्हाडा से अनुमति लेने के बाद जिन विकासकों ने परियोजनाओं का काम रोक दिया है, ऐसे विकासकों की सूची तैयार की गई है, जल्द ही उन्हें नोटिस भेजी जाएगी। गौरतलब हो कि पिछले दिनों मुंबई में अधर में लटकी झोपड़पट्टी पुनर्वसन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए म्हाडा व झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्राधिकरणों को संयुक्त रूप से प्रारूप तैयार करने का निर्देश मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दिया था। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में अधर में लटकी ऐसी पुनर्विकास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अगर विकासक असमर्थता दिखाता है या विलंब करता है, तो ऐसी परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए कौन-सी उपाययोजना या विकल्प होना चाहिए, इसके लिए तत्काल सकारात्मक कदम उठाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को दिए थे।