12 टुकड़े कर फेंक दिए, टैटू ने खोला राज़
नवी मुंबई, एक शख्स की हत्या कर उनके शव के 12 टुकड़े कर फेंक दिये गये। इस मामले में पुलिस ने कटे हुए हाथ पर मिले एक टैटू की मदद से पहले मृतक की पहचान कर ली और फिर सीधे वो जा पहुंची हत्या के आरोपी तक। गुरुवार को पुलिस ने बताया कि 25 साल के आरोपी हरीश कुमार चौहान ने 30 साल के रविंद्र रमेश मंडोतिया की बेरहमी से हत्या की थी। इसके बाद उनके शव के टुकड़े कर उसे ठिकाने भी लगा दिया था। एक संवाददाता सम्मेलन में नवी मुंबई के पुलिस कमिश्नर बिपिन कुमार सिंह ने कहा कि 12 सितंबर को मानव अंग के 12 टुकड़े मिले। इसमें दो हाथ और पांव एक प्लास्टिक के थैले में रखे मिले थे। यह थैला नवी मुंबई के वाशी एपीएमसी इलाके से बरामद किया गया था।
हालांकि, इस बॉडी के सिर समेत अन्य अंग गायब थे। इस मामले में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा (302) हत्या और धारा (201)सबूत मिलाने के तहत केस एपीएमसी थाने में दर्ज किया था। केस को सुलझाने में जुटी पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि मृतक युवक की पहचान नहीं हो पा रही थी। पुलिस को कटे हुए हाथ पर भगवान हनुमान का टैटू दिखा था और यह जानकारी थी कि मृतक युवक का नाम रविंद्र है।
इस मिस्ट्री को सुलझाना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। केस को अंजाम तक पहुंचाने के लिए पुलिस की कई टीमें बनाई गई थीं। यह टीम मृतक के शरीर के अन्य हिस्सों की तलाश भी कर रही थी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस की टीम को थाणे, रायगढ़, मुंबई और नवी मुंबई जांच के लिए भेजा गया। नवी मुंबई इलाके से गायब करीब 100 लोगों के बारे में जांच-पड़ताल भी की गई।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि रविंद्र मंडोतिया एक सफाईकर्मी के तौर पर काम करते हैं और वो लापता हैं और इस संबंध में कोपरखैरनी पुलिस स्टेशन में मामला भी दर्ज करवाया गया था। उनके परिवार के सदस्यों को शव की पहचान करने के लिए बुलाया। उनके घऱ के सदस्यों को उनके कटे हुए हाथ पर बने टैटू के निशान दिखाए गए। इसके बाद परिजनों ने रविंद्र की पहचान कर ली औऱ कहा कि यह टुकड़े उनके ही शरीर के अंग हैं।
इसके बाद पुलिस ने अपनी पड़ताल तेज की और कई सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई। जांच के क्रम में पुलिस ने चौहान को दबोच लिया। पूछताछ के दौरान आरोपी चौहान ने पुलिस को बताया कि दोनों के बीच पैसे को लेकर विवाद था। इसी की वजह से उसने मंडोतिया की हत्या करने की योजना बनाई थी। 9 सितंबर को उसने चौहान की गला काट कर हत्या कर दी। इसके बाद उसने उनके शरीर के टुकड़े किये उसे एपीएमसी इलाके में फेंक दिया। जबकि सिर और अन्य अंग महापे इलाके में दफन कर दिये गये।