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मुंबई, पिछले कुछ दिनों से राज्य में सत्ताधारी दलों के कई सदस्यों के खिलाफ ईडी की कार्रवाई की जा रही है। इस कार्रवाई में सत्ताधारी दलों के अनिल देशमुख, भावना गवली, एकनाथ खडसे और प्रताप सरनाईक आदि का समावेश है। ईडी ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया है। हालांकि अनिल देशमुख अभी तक पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए हैं। इस पर राज्य में सत्ताधारी और विरोधी दल में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू है। इसी दरम्यान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने ईडी की कार्रवाई पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि ईडी की कार्रवाई राज्यों के अधिकारों का हनन है।
पिछले दो-तीन सालों में लोगों को देश में नई यंत्रणा के बारे में पता चला है। उस यंत्रणा को ईडी कहा जाता है। फिलहाल यह किसके पीछे वैâसे लगेगी? यह कह नहीं सकते हैं। अकोला से शिवसेना सांसद भावना गवली चुनकर आई हैं। उनके पास ३-४ संस्थान हैं। ३ शैक्षणिक संस्थान और एक अन्य छोटा संस्थान है। इसका लेन-देन भी २०-२५ करोड़ के अंदर है लेकिन वहां भी ईडी उन्हें परेशान कर रही है, ऐसा शरद पवार ने कहा।
ईडी की इस कार्रवाई का मुद्दा संसद में रखेंगे, ऐसा शरद पवार ने कहा। जहां पर भ्रष्टाचार होता है, उसके लिए अपने देश में आयोग है, उसके समक्ष शिकायत की जा सकती है। राज्य सरकार का गृह विभाग है, वहां जांच यंत्रणा होते हुए भी ईडी का उस संस्था में जाकर हस्तक्षेप करना यह एक तरह से राज्य के अधिकारों का हनन है। देश में ऐसे अनेक उदाहरण देखने को मिल रहे हैं, यह मुझे योग्य नहीं लग रहा है। संसद का अधिवेशन शुरू होगा तो इस मामले को सदन में उठाने का प्रयत्न करूंगा, ऐसा शरद पवार ने कहा।

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