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मुंबई, वैश्विक कोरोना महामारी के दौरान मुंबई सहित महाराष्ट्र में सरकारी और अन्य प्राधिकरणों में काम की गति धीमी थी, लेकिन मुंबई महानगर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) प्रचार-प्रसार में खुले मन से निधि खर्च कर रहा था।
आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार एमएमआरडीए ने एक निजी पीआर एजेंसी पर प्रति माह औसतन 21.70 लाख रुपये खर्च किए हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली से सूचना के अधिकार के तहत पूछे गए सवालों के जवाब में एमएमआरडीए ने बताया है कि पिछले दो वर्षों में पीआर एजेंसी को 5.21 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
गलगली ने एमएमआरडीए प्राधिकरण से पीआर एजेंसी के बारे में कई जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में बताया गया कि एमएमआरडीए आयुक्त आरए राजीव की मंजूरी से 15 जुलाई 2019 में मेसर्स मर्केटाइल एडवरटाइजिंग पीआर एजेंसी की नियुक्ति की गई है। पिछले दो वर्षों में इस एजेंसी को प्रचार के लिए 5.21 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
गलगली ने बताया कि पिछले दो वर्षों में पीआर एजेंसी को किए गए भुगतान की राशि से पता चलता है कि एमएमआरडीए ने प्रचार-प्रसार में हर महीने औसतन 21.70 लाख रुपये खर्च किए है।
इसके अलावा एमएमआरडीए भवन में कंपनी के लिए मुफ्त में दफ्तर भी उपलब्ध कराया गया। पीआर एजेंसी पर आंख बंद कर लाखों रुपये ऐसे समय में खर्च हुआ जब मुंबई समेत महाराष्ट्र में पूरी तरह से लॉकडाउन था।

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