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मुंबई, पर्यावरण में बढ़ रहा प्रदूषण देश और दुनिया के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण वाहनों से निकलनेवाले घातक कार्बन बताए जाते हैं। ऐसे में हर देश अपने स्तर पर उचित कदम उठा रहा है, ताकि पर्यावरण से प्रदूषण के जहर को कम किया जा सके। इसी दिशा में महाराष्ट्र परिवहन विभाग (एमएसआरटीसी) भविष्य में अपनी बसों को इलेक्ट्रिक बसों में बदलने के लिए प्रयत्नशील है। लाल परी के रूप में चर्चित एमएसआरटीसी महाराष्ट्र में अपनी बसों को इको-प्रâेंडली बना रही है। मुंबई में एमएसआरटीसी की योजना पहले चरण में ३०० बसों को इलेक्ट्रिक में बदलने की है। इसके अलावा करीब १०० डिपो में चार्जिंग स्टेशन लगाने की है। एसटी महामंडल की योजना एक साल में २,००० बसों को इलेक्ट्रिक में बदलने की है। पहले चरण में मुंबई को इसी साल के अंत तक ३६९ बसों में से १५० बसें मिलेगी।
सभी १०० एमएसआरटीसी के डिपो में ई-चार्जिंग प्वाइंट होंगे। शुरुआत में चार्जिंग केवल ई-बसों के लिए उपलब्ध होंगे। उसके बाद धीरे-धीरे डिपो पब्लिक के लिए खोल दिए जाएंगे।
एमएसआरटीसी आनेवाले दिनों में इलेक्ट्रिक कहां और कितने बसों को उपलब्ध कराएगा यदि इसकी बात करें तो मुंबई में ३६९, पुणे में ५१२, नासिक में ३५३, नागपुर में २१७, संभाजीनगर में ३८९, अमरावती में १६० बसें उपलब्ध कराएगा।
एमएसआरटीसी बस खरीद या बैटरी या ड्राइवरों पर खर्च नहीं करेगा। बसों के रखरखाव का खर्च निजी ठेकेदार द्वारा वहन किया जाएगा। पहले चरण में १५० इलेक्ट्रिक बसें इसी साल अंत तक आने की संभावना है, जबकि बाकी बसें साल २०२२ के अंत में आएंगी।
एमएसआरटीसी की १८,००० बसों के परिचालन का खर्च डीजल की कीमत बढ़ने के कारण बढ़ गई है। ऐसे में इलेक्ट्रिक बसें आ जाने से परिचालन का खर्च ८० फीसदी तक सस्ता हो जाएगा।



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