बाजार में नकली फूलों का कब्जा!
मुंबई, सच के बाजार पर अब नकली का कब्जा होता जा रहा है। यहां असली का दिवाला पिट रहा है और नकली रातों-रात मालामाल हो रहे हैं। ऐसा ही नजारा इन दिनों मुंबई के फूल बाजारों में देखने को मिल रहा है। यहां असली फूल ग्राहक के अभाव में मुरझा रहें हैं तो वहीं नकली फूलों की मांग बढ़ने से व्यापारी मालामाल हो रहे हैं। चूंकि असली जैसे दिखनेवाले ये नकली फूल जल्दी खराब नहीं होते और इन्हें धोकर फिर से इनका इस्तेमाल किया जा सकता है, इसलिए इनकी मांग बढ़ रही है।
स्व. मीना ताई ठाकरे फूल बाजार दादर के संचालक दादा भाऊ येणारे के अनुसार, इस वर्ष महाराष्ट्र में अच्छी वर्षा होने से यहां खेती करनेवाले किसानों को अच्छा मौसम मिला। सांगली, सातारा, पुणे, नासिक के किसानों ने जमकर फूलों की खेती की। पैदावार भी अच्छी रही। रोजाना मुंबई के फूल बाजार में ४० से ५० छोटे-बड़े ट्रकों में फूल आ रहे हैं। लेकिन ग्राहकों के अभाव में वे मुरझा रहे हैं और उन्हें फेंकना पड़ रहा है। फूल बाजार में २० से ५० प्रतिशत ही ग्राहकी है। ग्राहकों के अभाव में व्यापारी सस्ते दामों पर अपना माल बेचने पर मजबूर हैं। किसानों को फूल के पैदावार की कीमत भी नहीं मिल रही है। आज जहां लाल गेंदा १५ से २० रुपए किलो बिक रहा है, वहीं पीला गेंदा १० से १५ रुपए किलो से व्यापारी अपना माल बेचने को मजबूर हैं। यही हाल मोगरा, सेवंती, गुरछड़ी, गुलाल तथा अन्य फूलों का है। ऐसे में किसानों का उत्पादन खर्च भी नहीं निकल रहा है, जबकि दूसरी ओर नकली फूल, बाजार में अपनी घुसपैठ बना चुके हैं। आजकल बाजार में नकली फूल धड़ल्ले से बिक रहे हैं। इस वर्ष आनेवाले गणेशोत्सव में लोग सजावट के लिए नकली फूल ज्यादा पसंद कर रहे हैं। क्योंकि ये टिकाऊ तथा वॉशेबल (धोकर फिर से इस्तेमाल) होते हैं। नकली फूलों की लड़ी होलसेल बाजार में ३५ रुपए से लेकर २५० रुपए तक में बेची जा रही है। ये ग्राहकों को ४ फिट से लेकर १० फिट तक की लड़ी तक के रूप में उपलब्ध हैं। नकली फूलों की लड़ी में गेंदा, नेचुरल गेंदा, रोज फ्लॉवर, ग्रीन पत्ता लड़ी, सन फ्लॉवर लड़ी आदि की ओर ग्राहकों का झुकाव ज्यादा देखने को मिल रहा है।