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मुंबई : वडाला पुलिस स्टेशन ने 32 साल बाद मार्च 1993 को मुंबई में भड़के सांप्रदायिक दंगों के एक भगोड़े आरोपी को गिरफ्तार किया है। 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया था। उसके बाद, 1993 में मुंबई में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे। उस दंगे के एक आरोपी आरिफ अली हशमुल्लाह खान (वर्तमान में 54 वर्ष) पर वडाला पुलिस स्टेशन में धारा 141, 143, 145, 146, 147, 149, 150 और धारा 307 के तहत हत्या का प्रयास का मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, वह तब से फरार था। पुलिस ने उसकी पूरी तरह से तलाश की थी। वह अपनी पहचान छिपा रहा था और पुलिस को झूठी जानकारी दे रहा था।

इस बीच, बंदर सर्किल के पुलिस उपायुक्त विजयकांत सागर ने पुलिस को पुराने मामले में फरार आरोपियों की तलाश करने का आदेश दिया था। तदनुसार, इस मामले में एक नई जांच शुरू की गई थी। वडाला पुलिस ने आरोपी आरिफ खान के उत्तर प्रदेश स्थित पैतृक गांव में जाकर तलाशी ली थी। वहां से पुलिस को कुछ प्रारंभिक जानकारी मिली थी। उसके आधार पर जब तकनीकी जांच की गई तो पता चला कि आरोपी मुंबई के एंटॉप हिल में एक झोपड़पट्टी इलाके में रह रहा है। इसके अनुसार पुलिस टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस टीम को इनाम इस मामले की जांच वरिष्ठों के मार्गदर्शन में वडाला पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुदर्शन होनवादजकर की टीम ने की। 32 साल बाद बिना किसी लिंक के आरोपी को खोजने के लिए पुलिस उपायुक्त ने वडाला पुलिस स्टेशन की टीम को पुरस्कार देकर सम्मानित किया है।

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