स्टेरॉयड और नशा कर रहा युवाओं का दिल कमजोर, शहरी युवाओं में दिल का दौरा
मुंबई, ऐक्टर सिद्धार्थ शुक्ला की 40 वर्ष की उम्र में
गुरुवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई। हृदय रोग विशेषज्ञ भी इससे चिंतित
हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले एक दशक से युवाओं में हार्ट अटैक के
मामले बढ़े हैं। इसके लिए विशेषज्ञों ने जंक फूड का सेवन, व्यस्त जीवन
शैली, वर्क प्रेशर, स्टेरॉयड और नशा आदि को जिम्मेदार माना है।
केईएम
अस्पताल के कार्डियक विभाग के पूर्व प्रमुख डॉ. प्रफुल्ल केरकर ने बताया कि
पिछले 10 से 15 वर्षों में 30 से 40 आयु और उसके नीचे आयु वर्गों में भी
हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं। इसकी प्रमुख वजह धूम्रपान है। दूसरी वजह कसरत
का अभाव और ज्यादा कसरत करना भी है। इसके अलावा बदलती जीवन शैली भी इसके
लिए जिम्मेदार है।
डॉ. केरकर ने बताया कि पोस्ट कोविड में भी हृदय रोग
के मामले सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले माह ही कोरोना के चलते एक
18 वर्षीय युवती में इस तरह के लक्षण मिले हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना
के चलते हार्ट फैल होने की ज्यादा संभावना है, क्योंकि कोरोना एक आरएनए
वायरस है और इससे हृदय की धमनियों में खून का थक्का जम जाता है, जिससे
हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है।
डॉ. केरकर ने बताया कि ज्यादातर
यंग्स्टर्स 18 से 25 साल की उम्र में ही स्मोकिंग और अल्कोहल का सेवन शुरू
कर देते हैं। उनके मुताबिक, युवाओं में दिल से जुड़ी बीमारियों की ये एक
बड़ी वजह है। नशे की लत की वजह से युवा कार्डियो वैस्कुलर हार्ट डिजीज का
शिकार हो रहे हैं। ज्यादा स्मोकिंग हृदय की धमनियों को ब्लॉक और रक्त को
गाड़ा कर देती है।
बॉम्बे अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ.
अनिल शर्मा ने बताया कि ग्रामीणों की अपेक्षा शहर के युवाओं में कार्डियो
वैस्कुलर डिजीज का प्रमाण अधिक है। ग्रामीण युवाओं में 4 प्रतिशत, जबकि
शहरी युवाओं में 14 हृदय रोग के मामले देखे गए हैं। उन्होंने बताया कि
व्यस्त जीवनशैली और डाइट का ख्याल न रखने की वजह से युवाओं में ये समस्या
सामने आ रही है। वर्क प्रेशर, घंटों बैठने की आदत, जंक फूड और
महत्वाकांक्षाएं आदि बातें सेहत पर बुरा असर डालती हैं।
नानावटी अस्पताल
की कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. लेखा पाठक ने बताया कि बॉलिवुड सेलिब्रिटीज की तरह
बॉडी बनाने के चक्कर में युवा घंटों जिम में पसीना बहाते हैं और कई बार
न्यूट्रिशन सप्लीमेंट लेने लगते हैं। इसमें एम्बोलिक स्टेरॉयड जैसे
प्रोडक्ट सेहत पर बुरा असर डालते हैं। इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।