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मुंबई, मुंबई के व्यस्ततम रेलवे स्टेशन अंधेरी का जल्द ही कायापलट होगा। अंधेरी स्टेशन के विकास और वहां कमर्शियल डेवलपमेंट के लिए योजना तैयार की गई है। हालांकि इन विकास कार्यों को रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट का नाम भले ही दे रही है लेकिन हकीकत ये है कि देशभर में जितनी भी रेलवे की प्राइम प्रॉपर्टी है, उन्हें लीज पर देने की तैयारी चल रही है; ताकि करोड़ों रुपए का राजस्व प्राप्त किया जा सके।
मुंबई में रेलवे स्टेशन की आस-पास की जगहों को प्राइम प्रॉपर्टी का दर्जा दिया जाता है। जगह स्टेशन से जितनी करीब होती है, उतनी महंगी होती है। रेलवे अंधेरी स्टेशन के आस-पास १२ हजार वर्गमीटर की या ३ एकड़ जितनी बिल्टअप एरिया को डेवलप करने जा रही है। इस एरिया को बनाने के लिए रेलवे कर्मचारियों की ७ रिहायशी इमारतें (स्टाफ क्वार्टर) तोड़ी जाएंगी। इनमें करीब ८४ परिवार रहते हैं। इसके साथ ही अंधेरी स्टेशन पर ५-७ साल पहले ही
बने एलिवेटेड कंकोर्स (परिसर) को और ऑटोरिक्शा के लिए १० करोड़ रुपए खर्च कर बनाया गया डेक भी तोड़ा जाएगा।
इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईआरएसडीसी) द्वारा अंधेरी स्टेशन का विकास किया जाएगा। आईआरएसडीसी देशभर में स्टेशनों का विकास कर रही है। अंधेरी स्टेशन को चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा। यहां कुल ४.३१ एकड़ क्षेत्र का विकास होना है, इसमें से पहले चरण में २.१ एकड़ और शेष क्षेत्र का विकास दूसरे चरण में होगा। पहले चरण के पुनर्विकास के लिए २१८ करोड़ रुपए खर्च होंगे।
प्रोजेक्ट से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आईआरएसडीसी द्वारा अंधेरी के अलावा दादर, कल्याण, ठाकुरली, बांद्रा, सीएसएमटी, ठाणे और बोरिवली स्टेशन का विकास किया जाएगा। इन सभी जगहों पर अलग-अलग चरणों में काम होगा।
आईआरएसडीसी ६३ स्टेशनों पर तथा रेलवे लेंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (आरएलडीए) द्वारा ६० स्टेशनों का विकास किया जाएगा। मौजूदा स्थिति के अनुसार इन १२३ स्टेशनों को विकसित करने के लिए करीब ५०,००० करोड़ रुपयों की जरूरत है।


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