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वसई, समुद्र किनारे रेतीली जमीन और दलदल में गश्त करना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। वैश्विक महामारी के कारण राज्य में संचारबंदी लागू की गई थी। इसके तहत समुद्र किनारे के होटल-रिसोर्ट को बंद किया गया था। परंतु समुद्र की लहरों का लुत्फ उठाने के लिए कई प्रेमी जोड़े और पर्यटक चोरी-छिपे समुद्र के किनारे दूर निकल जाते थे। वहीं बालू माफिया और पेड़ों को काटनेवाले तस्कर भी लहरों की आड़ में वारदात को अंजाम देते हैं। जब समुद्री लहरें अपने उफान पर रहती हैं, तब पानी में जानेवाले पर्यटकों की जान को खतरा हो सकता है। इन सारी चीजों पर अंकुश लगाने और लोगों के जान-माल को बचाने के लिए इन दिनों विरार-पश्चिम की अर्नाला पुलिस घोड़े से समुद्र किनारे गश्त कर रही है। घोड़े पर सवार ये पुलिसवाले लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
गौरतलब है कि वसई-पश्चिम से सटा एक बड़ा समुद्री किनारा है। अर्नाला, नवापुर, भुईगांव, कलंब, राजोड़ी, रानगांव, सुरुचि बाग आदि इस किनारे पर स्थित प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। अर्नाला पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक अमरसिंह पाटील ने बताया कि घोड़े पर गश्त करने से दोहरा फायदा होता है। रेतीली जमीन और दलदल में जीप या मोटरसाइकिल से गश्त करना मुश्किल होता है। लेकिन घोड़ा होने के कारण आप तट के किसी भी हिस्से में आसानी से जा सकते हैं। घोड़े पर गश्त करने से कई अपराधियों को रंगेहाथ पकड़ा गया है। घोड़े की गश्त से शारीरिक फिटनेस बनाए रखने में भी मदद मिलती है। अर्नाला पुलिस स्टेशन की सीमा समुद्र तट से १० किमी दूर है। प्रतिदिन घोड़े पर सवार होकर क्षेत्र में गश्त किया जाता है। पाटील ने बताया कि घोड़े से गश्त करना आसान नहीं है। इसके लिए उन्होंने एक घुड़सवार से महीने भर की ट्रेनिंग ली और तब गश्त करने की शुरुआत हुई। इसलिए इस क्षेत्र में पुलिस निरीक्षक अमर पाटिल को ‘घोड़ेवाला पुलिस’ के नाम से जाना जाता है। वे पुलिस की वर्दी में गश्त करते हैं और लोग उन्हें उत्सुकता से देखते रहते हैं।


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