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मुंबई: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में एनआईए की एक स्पेशल कोर्ट ने बायकला जेल अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि मई 2019 में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में हुए विस्फोट के सिलसिले में गिरफ्तार एक कथित महिला नक्सली को पर्याप्त स्वास्थ्य सहायता मुहैया कराई जाए. उस विस्फोट में 15 सुरक्षाकर्मियों और एक सिविलयन की मौत हो गई थी.
दरअसल, नक्सली निर्मलाकुमारी उप्पुगंती फिलहाल न्यायिक हिरासत में है और मुंबई की बायकला जेल में बंद है, एनआईए की स्पेशल कोर्ट के जज डी ई कोठालीकर ने गुरुवार को जेल अधीक्षक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि उसे उचित और पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध की जाए. कोर्ट ने ये निर्देश उप्पुगंती के खराब स्वास्थ्य के बारे में अभियोजन पक्ष के एडवोकेट ओर से सौंपी गई रिपोर्ट के बाद ये फैसला दिया गया है.
बता दें कि यह मामला 1 मई, 2019 को गढ़चिरौली जिले के जम्बूरखेड़ा ग्राम पंचायत के पास कुरखेड़ा-कोरची मार्ग पर किया गया. जिसमें नक्सलियों द्वारा किए गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट से जिस प्राइवेट गाड़ी में वे यात्रा कर रहे थे, उस समय 15 क्विक रिस्पांस टीम (QRT) कमांडो सहित कम से कम 16 लोग शहीद हो गए. जिसमें इस धमाके में पुलिस कर्मियों की पहचान-पुलिस कांस्टेबल (पीसी) दयानंद सहरे, अग्रमन रहाटे, सरजेराव खाड़े, किशोर बोबाटे, संतोष चव्हाण, राजू गायकवाड़, लक्ष्मण कोडप, साहूदास मडावी, नितिन घोरमारे, पूरनशाह दुगा, प्रमोद भोयर, तौफिक शेख, अमृत ​​भड़ाडे, योगेश हलमी और भूपेश वलोटे. 16 वां शख्श एक प्राइवेट ड्राइवर की पहचान सोमेश्वर सिंहनाथ कुरखेड़ा के रूप में हुई है.
गौरतलब हैं कि क्यूआरटी कमांडो फोर्स का गठन सन् 1992 में गढ़चिरौली पुलिस के तत्कालीन एसपी केपी रघुवंशी द्वारा नक्सली खतरों से लड़ने के लिए की गई थी. इस विंग के पुरुषों को देश के प्रतिष्ठित प्रशिक्षण संस्थान में विभिन्न प्रकार के गुरिल्ला ट्रेनिंग का प्रशिक्षण दिया जाता था.



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