बाढ़ग्रस्तों को हमने अपने हाल पर नहीं छोड़ा, 11500 करोड़ की राहत राशि का ऐलान किया - मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे
मुंबई, मुख्यमंत्री ने कहा कोरोना का संकट पूरी तरह से जा नहीं रहा है. कोरोना का संकट और कितने दिन रहेगा कहना मुश्किल है. उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना के साथ प्राकृतिक आपदा का संकट भी आया.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव के माध्यम से जनता से संवाद साधा. उद्धव ठाकरे ने अपने संवाद की शुरुआत नीरज चोपड़ा के गोल्ड मेडल जीतने से की. उन्होंने कहा कि नीरज चोपड़ा पर हमें अभिमान है. बाकी पदक विजेताओं की भी उन्होंने प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि नीरज चोपड़ा और अन्य पदक विजेताओं ने देश का मान बढ़ाया.
कोरोना संकट के साथ प्राकृृतिक आपदाओं का संकट
इसके बाद मुख्यमंत्री ने कोविड 19 के संकट के बारे में कहा कि कोरोना की लहर आ रही है, जा रही है. जैसा सोचा था वैसा हुआ नहीं है. कोरोना का संकट पूरी तरह से जा नहीं रहा है. कोरोना का संकट और कितने दिन रहेगा कहना मुश्किल है. उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना के साथ प्राकृतिक आपदा का संकट भी आया. कुछ दिनों पहले सिक्किम के मुख्यमंत्री मुझसे मिलने आए थे. उन्होंने बताया कि अब सिक्किम में भी चट्टानें खिसकने की घटनाएं शुरू हो गई हैं.
बरसात और बाढ़ के कहर में प्रशासनिक तंत्र ने अच्छा काम किया. 4 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया. हमने बाढ़ ग्रस्तों के लिए 11500 करोड़ की मदद राशि का नियोजन किया है. इस बात का संतोष है कि बहुत अधिक तादा में जानें बचाई जा सकीं. हमने बाढ़ग्रस्तों को अपने हाल पर नहीं छोड़ा. 50हजार लोगों को रहने की सुविधा मुहैया करवाई.
हमने एक दिन में 8 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन देने का रिकॉर्ड बनाया. हम एक दिन में 10-12 लाख लोगों को वैकसीन दे सकते हैं. लेकिन जब तक वैक्सीनेशन पूरी तरह से नहीं हो जाता तब तक कोरोना के नियमों का सख्ती से पालन जरूरी है. महाराष्ट्र में कोरोना का संकट पूरी तरह से गया नहीं है, लेकिन इसकी दहशत खत्म होना जरूरी है. हमने आगे आने वाली हर संभावित स्थिति का ध्यान रखते हुए तैयारी कर रखी है. पुणे, अहमदनगर, कोल्हापुर, बीड जिलों में प्रतिदिन कोरोना के 500 से 900 केस रोज आ रहे हैं. इसलिए यहां कोरोना को लेकर अतिरिक्त सावधानी रखनी जरूरी है. सिंधुदुर्ग, रत्नागिरि, सांगली, रायगढ़ जैसे बाढ़ग्रस्त 6 जिलों में कोरोना का खतरा बहुत अधिक है.