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मुंबई, सरकार का दावा है कि आठ लेन का दिल्ली-मुंबई ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य आगामी 2023 में पूरा कर लिया जाएगा। वर्तमान में 350 किलोमीटर एक्सप्रेस-वे का काम पूरा कर लिया गया है और 825 किलोमीटर पर कार्य प्रगति पर है। नए एक्सप्रेस-वे के बनने से दिल्ली से मुंबई सड़क मार्ग की दूरी कम हो जाएगी। वर्तमान में दिल्ली-मुंबई की सड़क से 1450 किलोमीटर की दूरी है। नए एक्सप्रेस-वे से यह दूरी घटकर 1350 रह जाएगी।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक्सप्रेस-वे की विशेषता यह है कि यह पांच राज्यों के अति पिछड़े व आदिवासी क्षेत्र से होकर गुजरेगा, जिससे वहां के लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा। दिल्ली-मुंबई ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के एलाइनमेंट गुरुग्राम के राजीव चौक से शुरू होकर मेवात-कोटा-रतलाम-गोदरा-बड़ोदरा-सूरत-दहिसर होते हुए मंबई में समाप्त होगा। इसमें हरियाणा का मेवात व गुजरात का दाहोड़ देश के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार है। इसके अलावा एक्सप्रेस-वे राजस्थान, मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र के सबसे पिछड़े व आदिवासी क्षेत्र से होकर गुजरेगा।
अधिकारी ने बताया कि गुरुग्राम से जयपुर रिंग रोड तक एक्सप्रेस-वे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 के सामानंतर बनाया जाएगा। यहां से अलवर (हरियाणा) होते हुए आदिवासी क्षेत्र झबुआ-रतलाम-वड़ोदरा तक जाएगा। इसमें दिल्ली से दौसा (280 किमी) का काम इस साल दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। वहीं, मध्य प्रदेश के झबुआ-रतलाम सेक्शन पर एक्सप्रेस-वे का काम तेजी से चल रहा है। बड़ौदा-मुंबई सेक्शन का 90 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का काम जनवरी 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। विदित हो इस परियोजना पर सवा लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे।


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