ऐक्ट्रेस से बनी क्रिमिनलः पार्टनर के साथ मिलकर लोगों से ठगे 33 करोड़
मुंबई : कन्नड़ की उभरती ऐक्ट्रेस मारिया सुसाइराज, 2008 में एक टेलिविजन एग्जिक्युटिव की सनसनीखेज हत्या के केस में सुर्खियों में आई थी। उसे इस मामले में जेल हुई थी। अब उसके खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और धमकाने के कई मामले मुंबई और ठाणे में दर्ज हैं। मारिया के साथ उसकी सहयोगियों पारोमिता चक्रवर्ती और अनीता वेदपाठक के खिलाफ भी सात मामले दर्ज हैं। ठाणे में मारिया के खिलाफ दर्ज मामलों में से एक में मारिया की अग्रिम जमानत को इस साल जनवरी में बॉम्बे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था और वह अब तक फरार चल रही है।
मारिया का बॉलिवुड में एक बड़ी ऐक्ट्रेस बनने का सपना था। उसका यह सपना तब चकनाचूर हो गया, जब उसके प्रेमी और नौसेना अधिकारी एमिल जेरोम मैथ्यू ने उसके सामने टीवी एग्जिक्युटिव नीरज ग्रोवर की हत्या कर दी थी। बायकोला जेल में बंद रहने के दौरान मारिया की मुलाकात परोमिता और अनीता से हुई। परोमिता, ओशिवारा की एक संध्या मिश्रा महिला के साथ करोड़ो रुपये की धोखाधड़ी के मामले में जेल काट रही थी।
वहीं अनीता एमआईडीसी, अंधेरी (पूर्व) में एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड के ऑफिसों से 50 करोड़ रुपये के हस्ताक्षरित चेक चोरी करने के लिए जेल में थी। तीनों की दोस्ती जेल में फेमस हो गई। मारिया की सजा पूरी होने के बाद जब वह बाहर आई तो पारोमिता और अनीता जमानत पर बाहर आ गईं। तीनों की दोस्ती जेल के बाहर आकर भी बरकरार रही।
वेस्ट बंगाल के पूर्व सीएम की बनी बेटी!
तीनों के खिलाफ दर्ज की गई सभी सात शिकायतों में, परोमिता ने खुद को पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की बेटी और अनीता को उसकी ब्रोकर के रूप में पेश किया। तीनों ने मिलकर पीड़ितों को आसानी से करोड़ों रुपये का लोन दिलाने का लालच दिया या उन्हें बड़े मुनाफे के वादे के साथ बिजनस पार्टनर बनने का लालच दिया।
मारिया और परोमिता ने ठाणे में एक अपार्टमेंट लिया जहां वे लोगों को फंसाकर लाती थीं और मीटिंग करती थीं। सभी सात शिकायतों में पीड़ितों ने मारिया की मौजूदगी होने का भी बयान दिया है। पुलिस के पास मारिया और परोमिता की कई तस्वीरें हैं, जिनमें से कुछ तस्वीरें उन लोगों ने देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर छुट्टियां मनाने के दौरान खिंचवाईं हैं।
तीनों सबसे पहले जेजे मार्ग स्थित एक जूलरी व्यवसायी कमल जैन को अपना निशाना बनाया था। तीनों ने कमल के यहां से 2013 में कई बार जूलरी खरीदी। तीनों ने जो भुगतान किया उनमें से 88 लाख रुपये का भुगतान नहीं हो सका। जब कमल ने उनसे रुपये मांगे तो तीनों ने उन्हें धमकी देनी शुरू कर दी। यहां तक की उन्होंने एक अहमदाबाद के हिस्ट्रीशीटर से भी कमल को धमकी दिलवाई। तीनों ने गुजरात के वडोदरा में लोगों को हज ले जाने के नाम पर धन एकत्र किया और फरार हो गईं।
एक अन्य मामले में, अनीता वेदपाठक ने अपने भतीजे आशीष वेदपाठक को अप्रैल 2015 में एक मिनरल वाटर प्लांट स्थापित करने के लिए लोन दिलाने को कहा। वह आशीष को परोमिता के पास ले गई। तीनों ने आशीष से 25 लाख रुपये ठग लिए और इतना नहीं है आशीष के एक संपत्ति को गिरवी रखने के नाम पर उसके घर और प्लॉट को फर्जी तरीके से बेच दिया। आशीष ने मीरा रोड पुलिस में तीनों के खिलाफ केस दर्ज कराया। इसी तरह अनीता ने अपने एक अन्य भतीजे विनीत पठानकर को धोखा देकर 25 लाख रुपये ठगे। एक अन्य मामले में तीनों ने मानसी पंडित नाम की युवती को पार्लर के लिए दो करोड़ रुपये लोन दिलाने के नाम पर 25 लाख रुपये ठग लिए।
तीनों की लग्जरी लाइफ देखकर हर कोई उनके झांसे में आ जाता था। वे बड़ी गाड़ियों में चलतीं और बड़े-बड़े होटेल्स में लोगों के साथ बैठकें करती थीं। होटेल के पेमेंट्स भी खुद करती, जिससे लोग आसानी से फंस जाते।
पीड़ितों ने अब महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस को इस मामले में पत्र लिखकर एसआईटी जांच कराने को कहा है। इसमें लिखा गया है कि तीनों ने विभिन्न लोगों से 33 करोड़ रुपये की ठगी की है। ठाणे ऐंटी एक्सटॉर्शन सेल से जुड़े पुलिस इंस्पेक्टर राजकुमार कोठमिरे ने कहा कि तीनों के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक अलग टीम का गठन किया गया है। उन्होंने कहा, 'हम मारिया की तलाश कर रहे हैं। परोमिता और अनीता भी जमानत पर बाहर हैं और उन्होंने अपनी जमानत शर्तों का उल्लंघन भी किया है।'