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मुंबई : उत्तर मुंबई लोकसभा चुनाव क्षेत्र की जनता ने पिछले लोकसभा में बीजेपी के उम्मीदवार को झोली भर-भरकर वोट दिया था। उस वक्त गोपाल शेट्टी के ऐतिहासिक विजय की चर्चा पूरे देश में हुई, क्योंकि उन्होंने अपने करीबी उम्मीदवार कांग्रेस के संजय निरूपम को चार लाख 46 हजार 582 मतों के अंतर से पराजित किया था, जबकि सन 2009 के लोकसभा चुनाव में संजय निरूपम ने बीजेपी के दिग्गज राम नाईक को 4,779 मतों के मामूली अंतर से पराजित किया था। उस समय राम नाईक के हारने का कारण राज ठाकरे की मनसे थी। मनसे के उम्मीदवार शिरीष पारकार को 1 लाख 47 हजार 502 वोट मिले थे। उस हार के बाद राम नाईक का चुनावी राजनीति का करियर समाप्त हो उत्तर प्रदेश के राजभवन में पहुंच गया। 

उत्तर मुंबई लोकसभा चुनाव क्षेत्र 1952 वजूद में आया। इस क्षेत्र के पहले सांसद सीपीआई के श्रीपाद डांगे हुए थे। 1957 व 1962 में कांग्रेस के वी. के. कृष्ण मेनन सांसद चुने गए। उसके बाद लोकसभा चुनाव क्षेत्र का नए सिरे से परिसीमन किया गया जिसके मतदान क्षेत्र का नया स्वरूप सामने आया। 

1977 में भारतीय लोकदल की मृणाल गोरे और 1980 में जनता पार्टी के रविंद्र वर्मा, 1984 में कांग्रेस के अनूपचंद शाह सांसद बने। इसके बाद भाजपा के राम नाईक का दौर शुरू हुआ। राम नाईक ने 1989, 1991, 1996, 1998, 19999 में एकछत्र राज किया। सन 2004 में फिल्म अभिनेता गोविंदा ने राम नाईक को उखाड़ दिया। 2009 में संजय निरुपम ने मामूली वोटों से नाईक को पराजित कर दिया। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इस निर्वाचन क्षेत्र को गोपाल शेट्टी के रूप में नया चेहरा उतारा और शेट्टी ने अपने सभी विरोधियों को अच्छे से निपटा दिया। 

पांच साल में क्या सांसद शेट्टी ने पांच साल

में अपने सांसद विकास निधि में से 17 करोड़ रुपये खर्च किए। इनका ज्यादातर फंड गार्डन, जोगिंग ट्रैक, जिमखाना और शौचालय बनाने पर खर्च किया। जल समस्या दूर करने जैसे अन्य साधन-सुविधा पहुंचाने पर सांसद फंड खर्च किया। पांच साल में शेट्टी ने ब्रिज, फुटपाथ, जैसे अन्य समस्याओं को सदन में उठाया। इस बार भी भाजपा ने गोपाल शेट्टी को चुनाव मैदान में उतारा है। शेट्टी के मतदान क्षेत्र उत्तर मुंबई में मेट्रो का काम तेजी से हो रहा है जिसका फायदा आने वाले दिनों में यहां के मतदाओं को होगा। संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान की हद और अतिक्रमण, समुद्री किनारा पर सीआरजेड और बरबाद होता मैंग्रोव जैसी अन्य समस्याएं बदस्तूर जारी है। 

जीत पर मिलती रही जीत 

लोकसभा चुनाव में परचम लहराने के बाद मतदान क्षेत्र में विधानसभा और नगरसेवकों का चुनाव हुआ जिसमें बीजेपी का कमल ही खिला। लोकसभा चुनाव के सात महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत हुई। उत्तर मुंबई लोकसभा चुनाव क्षेत्र में कुल छह विधानसभा है जिसमें चार सीटों पर बीजेपी ने कब्जा जमाया है। बोरिवली, दहिसर, कांदिवली पूर्व, चारकोपर पर बीजेपी की झोली में हैं जबकि मागाठाणे पर शिवसेना और मलाड पश्चिम विधानसभा कांग्रेस ने जीत हासिल की है। स्थानीय निकाय के चुनावों की बात करें तो इस लोकसभ क्षेत्र में 42 नगरसेवक हैं जिसमें 24 नगरसेवक भाजपा के हैं जबकि 12 शिवसेना के हैं। गौरतलब है कि लोकसभा का चुनाव शिवसेना-बीजेपी और कांग्रेस-राकांपा ने मिलकर लड़ा था जबकि विधानसभा और नगरसेवक का चुनाव सभी दलों ने अलग-अलग लड़ा था। 

उत्तर मुंबई लोकसभा चुनाव में जिस तरह से संजय निरूपम को हार का सामना करना पड़ा उसके बाद कांग्रेस का कोई भी नेता यहां से चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं है। उस पर विधानसभा और महानगरपालिका के चुनाव में जिस तरह से बीजेपी की जीत मिली है उस आंकड़े को देखते हुए कांग्रेस का कोई उम्मीदवार लड़ने के लिए तैयार नहीं है। महागठबंधन बनाते समय कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को वह सीट देने के लिए तैयार थी, लेकिन समाजवादी के अबू आसिम आजमी ने यह कहते हुए उम्मीदवार देने से मना कर दिया कि कांग्रेस हार के डर से सपा को दे रही है। फिलहाल कांग्रेस उत्तर मुंबई का उत्तर ढूंढने में लगी है। चर्चा है कि उत्तर मुंबई से फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मांतोडकर का नाम तय हो चुका है। बुधवार को वह कांग्रेस में औपचारिक रूप से शामिल होंगी उसके बाद उनकी उम्मीदवारी घोषित की जाएगी। 

उत्तर मुंबई लोकसभा चुनाव में मतदाताओं का पलायन तेजी से बढ़ा है जो बीजेपी खेमे के लिए चिंता का कारण है। सन 2014 के लोकसभा चुनाव में कुल 17 लाख 83 हजार 641 मतदाता थे जो 31 जनवरी 2019 में घटकर 16 लाख 7 हजार 265 रह गए। यानी 1 लाख 76 हजार 376 मतदाताओं का अचानक ही कम होना जाना चिंता का विषय है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव क्षेत्र से बाहर जाने वाले ज्यादातर मतदाता बीजेपी के ही है। 


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