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मुंबई, मुंबई के लिए समुद्र के खारे पानी को मीठा बनाने की परियोजना शुरू करना न केवल एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि एक क्रांतिकारी कदम भी है। मुझे खुशी हो रही है कि हमारा कई वर्षों का यह सपना साकार हो रहा है। कल सह्याद्रि गेस्ट हाऊस में मनपा और डीसैलिनेशन (खारे पानी को मीठा बनाने) के लिए संयंत्र लगानेवाली सलाहकार वंâपनी के साथ हुए करार के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उपरोक्त बातें कहीं। परियोजना की एक विस्तृत रिपोर्ट के लिए कल समझौता पत्र पर मुख्यमंत्री की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।
आई.डी.ई. वाटर टेक्नोलॉजीज लिमिटेड वंâपनी, मालाड के मनोरी इलाके में संयंत्र लगाने के लिए रिपोर्ट तैयार करेगी। संयंत्र लगने के बाद वहां रोजाना २०० मिलियन लीटर खारे पानी को मीठा बनाया जाएगा। वर्ष २०२५ में यह परियोजना पूरी होगी और शुद्ध पानी की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। वर्ष २०२२ में इसका काम शुरू होगा। इसके सफल होने पर ४०० मिलियन लीटर पानी के डीसैलिनेशन का काम शुरू किया जाएगा।
इस मौके पर शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे, पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे, मुंबई शहर के पालक मंत्री असलम शेख, महापौर किशोरी पेडणेकर, इजराइल के महावाणिज्य दूत याकोव फिलकेनस्टीन सहित कई लोग उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया के कुछ देशों ने पहले ही इस आधुनिक तकनीक की मदद से समुद्री जल को डीसैलिनेशन करने का काम बड़े पैमाने पर शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हर तकनीक की एक कीमत होती है लेकिन मानव जीवन उससे कहीं अधिक मूल्यवान है। मुंबईकरों को पीने योग्य जल उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था करना जरूरी है।



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