Latest News

विरार, वसई तालुका के निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना मरीजों से आर्थिक ‘लूट’ को रोकने के लिए वसई-विरार मनपा ने एक कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी के माध्यम से कोरोना मरीजों से ज्यादा फीस वसूलने का ऑडिट किया गया है। दूसरी लहर के दौरान यह बात सामने आई है कि कुल ३३ अस्पताल वालों ने मरीजों से ज्यादा पैसे लिए। इन अस्पतालों ने कुल २ करोड़, १३ लाख रुपए ज्यादा की वसूली की है। अब मनपा ने इस रकम को मरीजों को वापस लौटाने का आदेश दिया है। इसमें से ३० अस्पतालों से कुल ९३ लाख रुपए मरीजों को लौटा भी दिए हैं, जिससे मरीजों को राहत मिली है।
गौरतलब है कि कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कई निजी अस्पतालों ने मनमानी रकम वसूल कर मरीजों को लूटना शुरू कर दिया था। फिर अप्रैल में सरकार ने कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे सभी निजी अस्पतालों के लिए इलाज की रकम की दर तय कर दी थी। हालांकि, महानगरपालिका को शिकायतें मिली थीं कि निजी अस्पताल विभिन्न कारणों से पैसे लूट रहे हैं। इसके बाद मनपा ने एक मेडिकल ऑडिट टीम का गठन किया और ऐसे निजी अस्पतालों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए प्रत्येक अस्पताल के लिए एक नोडल अधिकारी तैनात किया था। इसके साथ ही एक शिकायत निवारण प्रकोष्ठ भी स्थापित किया गया तथा टास्क फोर्स को निगरानी का काम सौंपा गया था। इन्हें हर मरीज की पेमेंट की जांच करने के लिए भी कहा गया था।
वर्तमान में मनपा क्षेत्र में संचालित ४२ कोरोना अस्पतालों में से जिन ३३ अस्पतालों की शिकायतें मिलीं उनमें से सिर्फ ४ अस्पतालों ने ही सही फीस ली है। बाकी ५ अस्पतालों की कोई शिकायत नहीं मिली है। ऑडिट कमेटी ने कुल १,४२७ मरीजों द्वारा किए गए भुगतान की जांच की है। इन मरीजों से कुल १५ करोड़, ५५ लाख, २९ हजार रुपए लिए गए। इनमें से ३३ अस्पतालों ने २ करोड़, १३ लाख की राशि ज्यादा वसूली थी।



Weather Forecast

Advertisement

Live Cricket Score

Stock Market | Sensex

Advertisement