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भिवंडी : भिवंडी तालुका ठाणे सीमा अंतर्गत स्थित कशेली, काल्हेर परिसर में एमएमआरडीए (MMRDA) द्वारा कई इमारतों को अवैध करार देकर तोड़क कार्रवाई अंजाम दी जा रही है। विगत 15 दिनों से अवैध निर्माणों पर तोड़ू कार्रवाई शुरू होने से उक्त इमारतों में फ्लैट खरीदी करने वाले लोगों के सिर से छत का साया उठ गया है और बारिश (Rain) के दौरान असहाय अवस्था में रहने की मजबूरी झेल रहे हैं। काल्हेर परिसर में तोड़क मिशन की सूचना मिलते ही भिवंडी ग्रामीण शिवसेना विधायक शांताराम मोरे, शिवसेना उप जिला प्रमुख देवानंद थले तत्काल मौके पर पहुंचे और एमएमआरडीए अधिकारियों को समझाने की कोशिश की। शिवसेना विधायक मोरे एवं एमएमआरडीए अधिकारियों की बातचीत के दौरान ही मौके पर मौजूद संतप्त लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में ही आक्रोशित होकर एमएमआरडीए अधिकारी प्रधान की पिटाई भी कर दी। पुलिस कर्मियों ने बीच-बचाव कर स्थिति को बेकाबू होने से बचाया।
गौरतलब है कि एमएमआरडीए क्षेत्र में भिवंडी तालुका की 60 ग्रामपंचायतों का समावेश है। काल्हेर, कशेली आदि ग्रामपंचायत परिसर में भारी संख्या में रहिवासी इमारतों का निर्माण शासन के नियम कानूनों की अनदेखी कर विगत वर्षों में हुआ है। एमएमआरडीए द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में निर्मित कई रहिवासी इमारतों को अवैध करार दिया गया है। क्षेत्र में निर्मित कई इमारतों को कोर्ट द्वारा तोड़े जाने का आदेश दिया गया है और कई इमारतों को हाईकोर्ट ने स्टे दिया है। एमएमआरडीए द्वारा 1 जून से 24 घंटे पूर्व नोटिस देकर अवैध रूप से निर्मित इमारतों को तोड़े जाने की कार्रवाई शुरू की गई है। एमएमआरडीए द्वारा अवैध निर्माण घोषित इमारतों में रहने वाले लोगों का आरोप है कि इमारतों के निर्माण में करीब 4-5 वर्ष का समय लगता है। एमएमआरडीए के अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त होकर बिल्डरों से पैसा लेकर अवैध बांधकाम को बढ़ावा देते हैं। गरीब फ्लैट धारकों ने राजस्व विभाग को शुल्क देकर रजिस्ट्री कराई है। शासन एवं एमएमआरडीए को अगर निर्माण अवैध है तो इमारत निर्माण से पूर्व कार्रवाई करना चाहिए। बरसात के दौरान अगर इमारत तोड़ी जाएगी तो परिवार के साथ कहां रहेंगे।

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