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मुंबई, एक तरफ जहां सरकार लोगों से कोरोना का टीका लगवाने की अपील कर रही है। केंद्र से राज्य के नागरिकों के लिए पर्याप्त टीका मुहैया करवाने की कोशिशों में जुटी है ताकि जल्द से जल्द कोरोना नाम के खतरे को खत्म किया जा सके। वहीं महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में मौजूद कुछ गांव ऐसे हैं। जहां पर ग्रामीण वैक्सीनेशन से घबराते हुए नज़र आ रहे हैं। इन गांवों में कई लोगों से साफ तौर पर टीका लगवाने से इंकार कर दिया है। फ़िलहाल इन गांवों में 45 प्लस लोगों का वैक्सीनेशन शुरू है। आप सोच रहे होंगे कि जब पूरे देश के लोग इस समय वैक्सीन लगवाना कहते हैं तो महाराष्ट्र के इन गांवों में उल्टी गंगा क्यों बह रही है। तो चलिए जानते हैं इसके पीछे की वजह।

दरअसल महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के बल्लारपुर तहसील में आने वाली बामनी ग्राम पंचायत इलाके के अमित नगर, केम और केम तुकुम नाम के कुछ गांव हैं जहां लोग वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते हैं। जबकि बीते अप्रैल के महीने में यह पूरा इलाका कोरोना हॉटस्पॉट के रूप में सामने आया था। आपको बता दें कि बामनी ग्राम पंचायत में बड़ी संख्या में कोरोना के मरीज सामने आये थे जबकि कई लोगों की मौत भी हुई थी। बावजूद इसके यहां के ग्रामीण कोरोना का टीका लगवाने को तैयार नहीं है। दरअसल ग्रामीणों के मन में यह डर है कि अगर वे कोरोना का टीका लगवायेंगे तो उनकी मौत हो जाएगी। लोगों के मन से इस डर को निकालने के लिए स्थानीय प्रशासन लगातार जागरूकता अभियान चला रहा है। हालांकि जब गांव के लोगों से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमसे जबरदस्ती ना की जाए, हमको टीका नहीं लगवाना है।

दरअसल ग्रामीणों में यह ग़लतफ़हमी पैदा हो गयी है कि कोरोना वैक्सीन लगवाने से लोगों की मौत हो जाती है। ग्रामीणों के मुताबिक अगर किसी वैक्सीन लगवाई तो उसे पहले बुखार आएगा फिर उसे अस्पताल में भर्ती किया जायेगा, जहां लोगों की मौत हो जाती है. ऐसा ही एक मामला इस गांव में हुआ था। जिसके बाद से ग्रामीणों ने वैक्सीन लगवाना लगभग बंद कर दिया है।


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