मुंबई का रिकवरी रेट 93 फीसद और महाराष्ट्र का 91 फीसद से अधिक हुआ
मुंबई : कोरोना के खिलाफ जारी जंग में मुंबई और महाराष्ट्र मजबूती से डटे हैं। सबसे ज्यादा मरीज मिलने के बाद भी मुंबई और महाराष्ट्र में स्थिति धीरे-धीरे नियंत्रण में आ रही है। मुंबई का रिकवरी रेट 93 प्रतिशत हो गया है, जबकि राज्य में कोरोना से ठीक होने वालों की दर सुधर कर 91.06 प्रतिशत पहुंच गई है। मुंबई में कोरोना की स्थिति की लगातार सुधार होता जा रहा है। मुंबई में बुधवार को 1350 कोरोना के केस मिले, जबकि 4565 लोगों ने कोरोना को मात दी। इस तरह एक दिन में जितने मरीज मिले, उससे तीन गुना से भी ज्यादा लोग ठीक हुए। इससे कोरोना का रिकवरी रेट सुधर कर 93 प्रतिशत हो गया, वहीं ग्रोथ रेट गिर कर 0.25 प्रतिशत और डबलिंग रेट सुधर कर 269 दिन हो गया है।
राज्य में बुधवार को 34031 कोरोना के नए मरीज मिले, जबकि उससे लगभग दो गुने 51 हजार 475 लोगों ने कोरोना को मात भी दी। इस तरह राज्य में अब तक कुल 49 लाख 78 हजार 937 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं। राज्य हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार बुधवार को कोरोना से 594 लोगों की मौत हुई। राज्य में डेथ रेट अब भी चिंता का विषय बनी हुई है। महाराष्ट्र में कोरोना की डेथ रेट 1.54 प्रतिशत है। राज्य में अब तक 3 करोड़ 18 लाख 74 हजार 364 लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया, जिसमें से 54 लाख 67 हजार 537 लोग पॉजिटिव पाए गए। राज्य में अब भी पॉजिटिविटी रेट 17.15 प्रतिशत है, जो चिंता का सबब बना हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार राज्य में अब भी 30 लाख 59 हजार 95 लोग होम क्वारंटीन हैं। जबकि 23 हजार 828 लोग इंस्टिट्यूशनल क्वारंटीन हैं।
कोरोना संकट का सामना कर रही बीएमसी की मुश्किल ठेकेदार ने बढ़ा दी है। 1200 ऑक्सिजन कंसंट्रेटर का टेंडर भरनेवाला ठेकेदार अपने वादे से मुकर रहा है। अब वह सिर्फ 300 ऑक्सिजन कंसंट्रेटर देने की बात कह रहा है। इससे बीएमसी की मुश्किल बढ़ गई है। स्थायी समिति अध्यक्ष यशवंत जाधव ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि टेंडर में जो कीमत तय थी, ठेकेदार को उसी कीमत पर सभी कंसंट्रेटर देने होंगे, नहीं तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सिजन की बढ़ती जरूरत को देखते हुए बीएमसी ने ऑक्सिजन कंसंट्रेटर खरीदने के लिए टेंडर निकाला था। इसमें केवल एक ठेकेदार पात्र पाया गया था। ठेकेदार ने प्रत्येक मशीन के लिए 89,569 रुपये में तीन वर्ष की गारंटी और दो वर्ष मेनटिनेंस के साथ 19 करोड़ 42 लाख रुपये में 1200 कंसंट्रेटर उपलब्ध कराने की हामी भरी थी। स्थायी समिति में चर्चा के दौरान खुलासा हुआ कि ठेकेदार तय कीमत में केवल 300 मशीन ही देने को तैयार है, जबकि बीएमसी को 1200 मशीन चाहिए। इस पर स्थायी समिति के सदस्यों ने विरोध जताया और ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। यशवंत जाधव ने बीएमसी प्रशासन को निर्देश दिया कि यदि ठेकेदार इस तरह मनमानी काम करेगा, तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाए।
ऑक्सिजन कंसंट्रेटर के लिए बीएमसी द्वारा निकाली गई निविदा पर ही सवालिया निशान खड़ा हो गया है। इस टेंडर में भाग लेने वाले दूसरे ठेकेदार द्वारा कागजात जमा करने के बाद आखिरी समय में प्रिंटिंग मिस्टेक बता कर उसे टेंडर से बाहर कर दिया गया था, जबकि वह कम कीमत पर मशीनों की आपूर्ति करने को तैयार था। जाधव ने पूरे मामले की जांच कर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।