नई दिल्ली : यूजर्स के डेटा पर बड़ा खतरा, Telegram ऐप बना हैकर्स का नया हथियार
नई दिल्ली : इंटरनेट यूजर्स के डेटा पर नया खतरा मंडरा रहा है। शातिर हैकर्स ने अब मेसेजिंग ऐप Telegram को नए हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट्स की मानें तो हैकर्स टेलिग्राम ऐप के बॉट का इस्तेमाल करके फेसबुक यूजर्स के कॉन्टैक्ट डीटेल्स को ऐक्सेस कर रहे हैं। इसमें उन यूजर्स को निशाना बनाया जा रहा है, जिनका डेटा दो साल पहले हुए डेटा ब्रीच में हैकर्स के हाथ लग गया था।
साल 2019 में एक रिसर्चर ने एक अनसिक्यॉर्ड सर्वर की पहचान की थी। इस सर्वर पर लगभग 42 करोड़ रिकॉर्ड मौजूद थे, जिनमें अमेरिका और ब्रिटेन के 15 करोड़ यूजर्स का डेटा भी शामिल था। ऐसा माना जा रहा है कि इसके लिए हैकर्स ने टेलिग्राम ऐप के बॉट का इस्तेमाल किया था ताकि वे आसानी से फेसबुक यूजर्स के कॉन्टैक्ट डीटेल्स को ऐक्सेस कर सकें। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बॉट बड़ी चालाकी से यूजर्स को फेसबुक यूजर आईडी के बदले वह फोन नंबर एंटर करने को बोलता है, जिसके बारे में वे जानकारी चाहते हैं। इसके अलावा यह बॉट एक तरह की 'रिवर्स सर्च' ट्रिक से फेसबुक आईडी के जरिए यूजर्स के नंबर को ऐक्सेस कर लेता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसमें 40 करोड़ से ज्यादा यूजर्स का डेटा असुरक्षित डेटाबेस का हिस्सा बन चुका है।
दावा किया जा रहा है कि यह बॉट 19 देशों के यूजर्स के डेटा को उपलब्ध कराता है। बॉट को लेकर किए गए एक टेस्ट में पता चला कि यह उन यूजर्स के नंबर को ऐक्ससेस नहीं कर पाता जो आमतौर पर अपने नंबर को प्राइवेट रखते हैं। रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक ने दावा किया है कि यह बॉट उन फेसबुक आईडी पर काम नहीं करता, जिन्हें डेटा लीक के खतरे के खत्म होने के बाद क्रिएट किया गया था। हालांकि, इनमें उन अकाउंट्स के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है, जिन्हें साल 2019 से पहले बनाया गया था। ऐसे में ये अकाउंट हैकर्स के टारगेट पर हैं क्योंकि इन्हें वे आसानी से टेलिग्राम के जरिए ऐक्सेस कर सकते हैं।