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मुंबई : महाविकास आघाड़ी सरकार ने स्वास्थ्य विज्ञान से संबंधित पाठ्यक्रमों के नए कॉलेज शुरू करने की इच्छा रखनेवालों को राहत दी है। राज्य सरकार ने महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के अधिनियम में संशोधन करने का निर्णय लिया है। इससे नए कॉलेजों के प्रस्ताव २८ फरवरी तक स्वीकार किए जाएंगे। इस प्रस्ताव को कल मंत्रिमंडल की बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अलावा बाल सुधार गृहों के अनुदान में ८ प्रतिशत की वृद्धि, बांधों की सुरक्षा और धाराशिव में नया मेडिकल कॉलेज खोलने सहित कुल छह निर्णय लिए गए।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम १९९८ में संशोधन करने का निर्णय लिया गया। अध्यादेश जारी करके अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। कोरोना संकट के कारण सामाजिक व आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। कोरोना संकट में आई बाधाओं के चलते विभिन्न संस्थानों के कॉलेजों की इमारतों का निर्माणकार्य, अस्पतालों का निर्माण, उनके लाइसेंस, पंजीकरण और दस्तावेजों के मानदंडों को पूरा करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल सका। इस लिहाज से विश्वविद्यालय की अधिसूचना में अंतिम समय सीमा (३१ अक्टूबर २०२०) तक परिपूर्ण प्रस्ताव प्रस्तुत करना संभव नहीं हो सका।

महाराष्ट्र विश्वविद्यालय स्वास्थ्य विज्ञान अधिनियम में संशोधन करके हेल्थ ऑफ साइंस कॉलेज शुरू करने की इच्छा रखनेवाले संस्थानों को राहत दी जाएगी। शैक्षणिक वर्ष २०२१-२२ के लिए नया कॉलेज या उच्च शिक्षा संस्थान शुरू करने की अनुमति मांगने वाले प्रबंधन अगले महीने की २८ तारीख तक विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को निर्धारित प्रपत्र में अपने आवेदन कर सकते हैं। सभी आवेदनों की जांच करके विश्वविद्यालय का संबंधित विभाग ३० अप्रैल तक पात्र आवेदनों को सिफारिशों के साथ मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजेगा। इसी तरह स्थायी स्व-सहायता के आधार पर निजी कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना करने के लिए दिशानिर्देश और मॉडल बिल को मंजूरी दी गई।


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